मायावती को सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका, लौटाना पड़ेगा मूर्ति निर्माण पर खर्च किया हुआ सारा पैसा
मायावती ने मूर्ति निर्माण पर खर्च किए करोड़ों रुपये (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमों मायावती (Mayawati) को तगड़ा झटका लगा है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मायावती को उनके शासनकाल के वक्त मूर्तियों के निर्माण पर खर्च किए गए पैसे लौटने का आदेश दिया है. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है. मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी.

देश की शीर्ष कोर्ट ने मामलें की सुनवाई के दौरान आदेश दिया कि मायावती ने मूर्तियां बनाने में जितना भी जनता का पैसा इस्तेमाल किया है, वह उन्हें वापस लौटना होगा. कोर्ट ने मायावती के वकील को कहा कि वह मूर्तियों पर खर्च हुए पैसों को सरकारी खजाने में जमा कराएं.

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सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 2015 में उत्तर प्रदेश की मौजूदा अखिलेश सरकार से मायावती सरकार द्वारा पार्क और मूर्तियों पर खर्च किए गए सरकारी पैसों का ब्यौरा मांगा था. इस मुद्दे पर अक्सर विपक्षी दल मायावती को घेरते रहते है.

गौरतलब हो कि बीएसपी सरकार ने 2007-11 कार्यकाल के दौरान लखनऊ में अंबेडकर स्मारक, कांशीराम स्मारक, बौद्ध विहार शांति उपवन, कांशी राम इको-गार्डन, कांशीराम संस्कृति स्थल, रमाबाई अंबेडकर स्थल और प्रतीक स्थल समता मूलक चौराहे का निर्माण किया था. इन मूर्तियों में हाथियों और खुद मायावती की मूर्तियां भी शामिल थी.

नोएडा की 33 एकड़ जमीन पर दलित प्रेरणा स्थल और ग्रीन गार्डन भी बनाया गया था. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, इन स्मारकों की कुल लागत 5,919 करोड़ रुपये थी. उत्तर प्रदेश सतर्कता विभाग ने 2014 में कई इंजीनियरों और अधिकारियों के खिलाफ कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में मामला दर्ज किया था.