
Imran Pratapgarhi Case: सुप्रीम कोर्ट ने कथित रूप से एक 'भड़काऊ' गाने का संपादित वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गुजरात के जामनगर में दर्ज मामले में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ कार्यवाही पर पिछली सुनवाई के दौरान रोक लगा दी थी. इमरान प्रतापगढ़ी की याचिका पर सोमवार को फिर से सुनवाई हुई, जिसमें उन्होंने FIR को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
पिछली सुनवाई में न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने उनकी याचिका पर सुनवाई की थी. उस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गुजरात पुलिस को फटकार भी लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इमरान को राहत का संकेत देते हुए कहा कि जो उन्होंने पोस्ट किया, वह बस एक कविता थी. यह भी पढ़े: CAA Protest: कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी की बढ़ी मुश्किलें, सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने पर 1 करोड़ से ज्यादा का नोटिस
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल में, गुजरात के जामनगर में आयोजित एक सामूहिक विवाह समारोह के दौरान कथित 'भड़काऊ' गीत को लेकर 3 जनवरी को प्रतापगढ़ी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रतापगढ़ी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 196 (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देना) और धारा 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिकूल आरोप, दावे) सहित विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई थी।
प्रतापगढ़ी द्वारा सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर साझा की गई 46 सेकंड की वीडियो क्लिप में दिखाया गया है कि जब वह हाथ हिलाते हुए चल रहे थे, तो उन पर फूलों की पंखुड़ियां बरसाई जा रही थीं और पृष्ठभूमि में एक गाना बज रहा था. प्राथमिकी में कहा गया है कि इस गाने के बोल भड़काऊ, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं.
(इनपुट एजेंसी)