Gyanvapi ASI Survey: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी. सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी के ASI सर्वे की परमिशन दे दी है. वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी का कहना है कि सर्वेक्षण की पूरी कार्यवाही सीलबंद रखी जानी चाहिए. यदि कुछ भी जारी किया जाता है तो उसमें समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई में CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बड़ी टिप्पणी. सीजेआई का कहना है, "अयोध्या मामले में भी, हमने एएसआई सर्वेक्षण के बाद फैसला दिया. आपके लिए मुकदमा 'तुच्छ' हो सकता है, दूसरे पक्ष के लिए यह आस्था का मामला हो सकता है. Modi Surname Case: जल्द संसद में दिखेंगे राहुल गांधी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 2024 के चुनाव का रास्ता भी हुआ साफ
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मस्जिद को छुआ न जाए और कोई खुदाई न हो. सुप्रीम कोर्ट ने कहा सभी पक्षों के हमने सुना हैं. हाईकोर्ट ने ASI के एडिशन डायरेक्टर जनरल के बयान के दर्ज किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा ASI ने अदालत को भरोसा दिया कि किसी भी तरह से इमारत को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.
BIG BREAKING: Supreme Court ALLOWS the scientific survey of the Gyanvapi Mosque premises by the Archeological Survey of India. #GyanvapiASISurvey #Gyanvapi #SupremeCourtofIndia #SupremeCourt pic.twitter.com/oHyvMQvdcd
— Law Today (@LawTodayLive) August 4, 2023
ज्ञानवापी पर सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि आखिर हम इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश मैं दखल क्यों दे? ASI के भरोसे के बाद अदालत ने यह आदेश दिया था.
सीजेआई ने आगे कहा- अयोध्या मामले में भी तो ASI ने सर्वेक्षण किया था. क्या दिक्कत है! सर्वे का तथ्यात्मक सबूत तो अदालत तय करेगी कि फाइनल सुनवाई के दौरान कौन सा तथ्य, सबूत और रिपोर्ट का कौन सा हिस्सा सुनवाई का हिस्सा बनाया जाए और कौन सा नहीं. कोर्ट ने कहा कि आप एक ही ग्राउंड पर हर बार हरेक कार्रवाई पर रोक का आग्रह नहीं कर सकते.