भिवंडी: मुंबई से सटे भिवंडी जिले के आदिवासी इलाकों में शिक्षा के लिए छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आलम यह है कि लगभग 50 से अधिक छात्रों को अपनी जान रोजाना जोखिम में डाल कर 5 किलोमीटर चलकर शाहपुर के स्कूल में पढ़ने जाना पड़ता है. बताना चाहते है कि इनमे बिजपाडा, बात्रेपाडा, रावते पाडा, ताडाची वाडी इलाकों का समावेश है. यहां स्कूल ना होने के कारण छात्रों को पढ़ने इतनी दूर जाना पड़ता है. इनकी समस्या का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रोजाना इन छात्रों को दुमडा नदी पार करके आगे जाना पड़ता है.
बरसात के समय में नदी में पानी का जलस्तर बढ़ जाता है. ऐसे में इन छात्रों की जान जोखिम में पड़ जाती है. साथ ही यह रास्ता जंगलों से गुजरता है ऐसे में जंगली जानवरों का खतरा भी लगातार बना रहता है.
आदिवासी बच्चों की यह समस्या प्रशासन को दिखाई नहीं दे रही है. हालांकि तमाम तरह के दावें जरूर किये जाते है. लेकिन समस्या का समाधान आज नहीं हुआ है.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार की तमाम योजनाएं कहा जाती है और किसके लिए है. साथ ही इन छात्रों को अब भी उम्मीद यही है कि सरकार जल्द से जल्द इनकी इस गंभीर समस्या का हल निकालेगी और इनके अच्छे दिन आयेंगे.