Strict Dress Code in Goa Temples: पवित्रता और शालीनता बनाए रखने के लिए, गोवा के पोंडा तालुका के अधिकांश मंदिरों ने 1 जनवरी से आगंतुकों के लिए एक सख्त ड्रेस कोड लागू करने का फैसला किया है. इस फैसले के तहत ऐसे कपड़े पहनकर आने वालों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा जो मंदिर की गरिमा को प्रभावित करते हों.
शॉर्ट्स, मिनी स्कर्ट, मिडी, स्लीवलेस टॉप, लो-राइज़ जींस और छोटी टी-शर्ट पहनकर आने वालों को अब मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा. ऐसे श्रद्धालुओं के लिए मंदिर समितियां 'उपर्णे' (ऊपरी शरीर को ढकने वाला वस्त्र) और 'लुंगी' उपलब्ध कराएंगी.
श्री रामनाथ देवस्थान, पोंडा के अध्यक्ष वल्लभ कुंकोलियेंकर ने कहा कि ड्रेस कोड 1 जनवरी से सख्ती से लागू किया जाएगा. श्री मंगेश देवस्थान ने भी नए साल से मंदिर परिसर में सख्त ड्रेस कोड लागू करने का फैसला किया है.
To maintain decorum and sanctity, most shrines in Goa's Ponda have decided to strictly impose dress codes for visitors from January 1.
The temples will stop those wearing shorts, miniskirts, midis, sleeveless tops, low-rise jeans, and short T-shirts. Temple committees will… pic.twitter.com/M7zxtm65US
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) December 24, 2023
हर्ष और विरोध के स्वर
कुछ श्रद्धालुओं ने इस फैसले का स्वागत किया है, यह मानते हुए कि मंदिर में पवित्रता और शालीनता बनाए रखना जरूरी है. उनका कहना है कि अक्सर असभ्य कपड़ों में आने वाले लोगों से असुविधा होती है. वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि ड्रेस कोड जैसे नियम लगाना धार्मिक स्वतंत्रता पर अतिक्रमण है और पर्यटकों को हतोत्साहित कर सकता है.
संस्कृति और परंपरा का सम्मान
हालांकि, अधिकांश मंदिर प्रबंधन का कहना है कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है, बल्कि वे बस गोवा की समृद्ध धार्मिक संस्कृति और परंपरा का सम्मान करने का आग्रह कर रहे हैं. वे यह भी उम्मीद करते हैं कि यह कदम मंदिर में शांति और भक्ति का माहौल बनाए रखने में मदद करेगा. यह निर्णय गोवा के मंदिरों में ड्रेस कोड पर बहस को फिर से भड़का सकता है. हालांकि, सार्वजनिक स्थलों में शालीनता का ध्यान रखना सभी का दायित्व है.