Stock Market: लाल निशान पर खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 209 और निफ्टी 57 अंक फिसला
भारतीय शेयर बाजार बुधवार के कारोबारी दिन लाल निशान पर खुला है. बीएसई का सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 209.05 अंक या 0.26 प्रतिशत फिसलने के बाद 81,611.07 पर कारोबार कर रहा है.
मुंबई, 16 अक्टूबर : भारतीय शेयर बाजार बुधवार के कारोबारी दिन लाल निशान पर खुला है. बीएसई का सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 209.05 अंक या 0.26 प्रतिशत फिसलने के बाद 81,611.07 पर कारोबार कर रहा है. वहीं, एनएसई का निफ्टी 57.90 अंक या 0.23 प्रतिशत फिसलने के बाद 24,999.45 पर कारोबार की शुरुआत कर रहा है. बाजार का रुझान सकारात्मक बना हुआ है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 687 शेयर हरे, जबकि 555 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं. वहीं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 61 शेयर हरे और 52 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं.
निफ्टी बैंक 27.55 अंक या 0.05 प्रतिशत गिरने के बाद के 51,878.45 पर है. निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 41.80 अंक या 0.07 प्रतिशत बढ़ने के बाद 59, 635.05 स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी 100 इंडेक्स 28.90 अंक या 0.11 प्रतिशत फिसलने के बाद 26,120.20 पर है. सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व और पावर ग्रिड टॉप गेनर्स थे. वहीं, नेस्ले, एंड एम, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंफोसिस टॉप लूजर्स थे. यह भी पढ़ें : Bank Job: बैंक ऑफ महाराष्ट्र में नौकरी का सुनहरा मौका, युवाओं के लिए 600 पदों पर हो रही भर्ती, जानें डिटेल्स
निफ्टी पैक में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ, बीपीसीएल और एशियन पेंट्स टॉप गेनर्स थे. वहीं, ट्रेंट, एम एंड एम, टीसीएस और कोटक महिंद्रा टॉप लूजर्स थे. एशियाई बाजारों की बात करें तो टोक्यो, बैंकॉक, सोल के बाजार लाल निशान पर कारोबार कर रहा थे. शंघाई, हांगकांग, जकार्ता के बाजार हरे निशान पर कारोबार कर रहे थे. वहीं, अमेरिकी शेयर बाजार बीते कारोबारी दिन लाल निशान पर बंद हुए थे.
बाजार के जानकारों के अनुसार,"वैश्विक स्तर पर शेयरों में जारी तेजी के पीछे मुख्य ताकत अमेरिकी बाजार में लगातार हो रही तेजी है. तथ्य यह है कि एसएंडपी 500 ने इस साल 46 नए उच्च स्तर बनाए हैं, जो अमेरिका के नेतृत्व में इस तेजी वाले बाजार की ताकत को दर्शाता है. इस तेजी को मजबूत अमेरिकी अर्थव्यवस्था और कॉर्पोरेट आय में अच्छी वृद्धि का बुनियादी समर्थन प्राप्त है. भले ही मध्य पूर्व की भू-राजनीति ने नकारात्मक रुख अपनाया हो, लेकिन इसने कच्चे तेल की कीमतों में उछाल नहीं लाया और इसलिए, मुद्रास्फीति को कोई खतरा नहीं है जो नियंत्रण में है और फेड को दरों में कटौती करने की अनुमति देता है."