लॉकडाउन-2 से अर्थव्यवस्था पर संकट गहराया, ‘प्रोत्साहन पैकेज’ की मांग हुई तेज- करोड़ों नौकरियों पर मंडरा रहा खतरा
पीएम मोदी और निर्मला सीतारमण (Photo Credits: PTI/File)

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते संक्रमण के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि को तीन मई तक बढ़ा दिया. सरकार के इस फैसले के साथ ही देश को आर्थिक संकट से उबारने के लिए प्रोत्साहन पैकेज (Stimulus Package) की मांग तेज हो गई. इंडिया इंक (India Inc) यानी भारत की कॉरपोरेट कंपनियों के मैनेजमेंट ने उम्मीद जताई है कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की जल्द घोषणा करेगी.

देश की पहले से ही सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को कोरोना संकट से दुगुना मार लगा है. विश्लेषकों और उद्योग मंडलों ने लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को 7-8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान जताया है. साथ ही आर्थिक गतिविधियों में लंबे समय तक बाधा बने रहने की आशंका जताई है. देशभर में कोरोना वायरस से जंग जारी, 24 घंटे में मिले 1211 पॉजिटिव मरीज, 31 संक्रमितों की हुई मौत

करोड़ों नौकरियों पर खतरा-

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (फिक्की) की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा, ‘‘अनुमान है कि भारत को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते प्रतिदिन करीब 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है और पिछले 21 दिनों के दौरान 7-8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.’’

अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन के विनाशकारी प्रभाव दिखने शुरू हो गए है. लाखों प्रवासी श्रमिकों की आजीविका पर संकट बढ़ने से चिंताएं पैदा हो गई हैं. फिक्की ने कहा अप्रैल से सितंबर 2020 के दौरान करीब चार करोड़ नौकरियों पर संकट रहेगा. इस बीच खबर है कि महामारी से बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए मोदी सरकार दूसरे राहत पैकेज पर काम कर रही है.

उद्योग जगत केंद्र के साथ-

सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के संगठन नासकॉम ने केंद्र सरकार के सार्वजनिक पाबंदी बढ़ाने के फैसले का स्वागत किया है. नासकॉम ने एक बयान में कहा ‘‘हम संक्रमण रहित क्षेत्रों में प्रतिबंधों से छूट देने के प्रस्ताव से खुश हैं और आशा करते हैं कि सरकार जल्द ही आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की भी घोषणा करेगी ताकि हम अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर सकें. जीवन और आजीविका, दोनों को सहेजने का काम साथ-साथ चलना चाहिए.’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से कीं सात अपीलें, कहा- किसी को नौकरी से न निकालें

भारतीय उद्योग जगत ने मंगलवार को कहा कि मनुष्य जीवन पर बढ़ते संकट को रोकने के लिये देशव्यापी लॉकडाउन बढ़ाना जरूरी था. लेकिन इसके साथ ही उद्योगों ने कोरोना वायरस महामारी के चलते अर्थव्यवस्था के सामने पैदा हुए मुश्किल हालात से उबरने के लिए प्रोत्साहन पैकेज की जरूरत पर भी जोर दिया है.

वहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने साल 2020 में भारत की विकास दर 1.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. साथ ही आईएमएफ (IMF) ने कहा है कि इस कड़ी चुनौती के बाद वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.4 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है.

प्रोत्साहन पैकेज क्या है?

प्रोत्साहन पैकेज अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए आर्थिक उपायों का एक खाका होता है. इसकी मदद से सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश करती है. प्रोत्साहन पैकेज का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करना और रोजगार को बढ़ावा देना है, जिससे मंदी को आने से रोका जा सके या बढ़ने नहीं दिया जाए.

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय ने दो हफ्ते पहले गरीबों और समाज के वंचित तबकों के लिये मुफ्त खाद्यान्न और नकद राशि अंतरण के रूप में 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था. यह पैकेज प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत पेश किया गया था. (एजेंसी इनपुट के साथ)