Landmine Explosion: एलएसी पर बारूदी सुरंग फटने से स्पेशल फ्रंटियर फोर्स का अधिकारी शहीद
एलएसी पर हमला (Photo Credit- ANI)

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर रेकी के दौरान एक बारूदी सुरंग विस्फोट में स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के एक अधिकारी शहीद हो गए, जबकि एक अन्य जवान घायल हो गया. सूत्रों के मुताबिक, यह हादसा इलाके में सैनिक परीक्षण के दौरान हुआ. उत्तराखंड से स्पेशल फ्रंटियर फोर्स की एक विशेष इकाई को पूर्वी लद्दाख में चीन के पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने और उन्हें नाकाम करने के लिए तैनात किया गया है. यह घटना पैंगोंग सो झील के दक्षिणी तट पर ब्लैक टॉप और ठाकुंग हाइट्स के बीच हुई जहां भारत ने चीनी घुसपैठ को नाकाम कर दिया था.

स्पेशल फ्रंटियर फोर्स, जो भारतीय खुफिया एजेंसियों के अधीन आता है, को सरकार द्वारा यह पाए जाने पर कि चीन इलाके में भारत के खिलाफ आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है, के बाद तैनात किया गया. भारतीय सेना और साथ ही सरकार ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. दो दिन पहले, भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर झड़प हुई थी, जहां चीनी करीब 450 सैनिक लेकर आए थे, लेकिन भारतीय सेना ने कहा कि यथास्थिति को बदलने के उनके प्रयास को नाकाम कर दिया गया. सूत्रों ने कहा कि चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों ने रस्सियों और अन्य चढ़ाई उपकरणों की मदद से पैंगोंग सो के दक्षिण तट पर ब्लैक टॉप और ठाकुंग हाइट्स के बीच एक 'टेबल-टॉप' एरिया पर चढ़ना शुरू कर दिया. हल्ला-गुल्ला सुनकर भारतीय सेना सतर्क हो गई और कार्रवाई में जुट गई. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सली हमला, विस्फोट में एक CRPF जवान घायल

इससे पहले, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भारतीय सेना को एलएसी के साथ अन्य क्षेत्रों में यथास्थिति को बदलने की पीएलए की योजना के बारे में सतर्क किया था. इसके बाद, दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं लेकिन चीजें आगे नहीं बढ़ीं. जब चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की ताकत देखी, तो झड़पें रुक गईं. एक सूत्र ने कहा, "दोनों देशों की सेनाएं अब भी आमने-सामने खड़ी हैं." सेनाओं को इलाके से पीछे हटाने के लिए चुशुल में एक ब्रिगेड कमांडर-स्तरीय फ्लैग मीटिंग शुरू हुई और यह अभी भी चल रही है. भारतीय सेना ने हालांकि आधिकारिक तौर पर किसी झड़प से इनकार किया है.