बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस (Sohrabuddin Encounter Case) में 13 साल बाद शुक्रवार को मुंबई (Mumbai) में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपने फैसले में सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया. सीबीआई के विशेष जज एस. जे. शर्मा ने कहा कि अभियोजन पक्ष कथित साजिश को साबित करने के लिए किसी भी प्रकार के दस्तावेजी और ठोस सबूत पेश करने में असफल रहा है. साल 2005 के इस मामले में 22 लोग पर कोर्ट में मुकदमा चल रहा था. इस मामले की आखिरी बहस 5 दिसंबर को खत्म हुई थी.
बता दें कि इस मामले में कुल 37 लोगों को आरोपी बनाया गया था. साल 2014 में मामले में 16 लोगों को बरी कर दिया गया था. बरी किए गए लोगों में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah), पुलिस अफसर डी. जी. बंजारा जैसे बड़े नाम शामिल थे. यह मामला पहले गुजरात में चल रहा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया था.
Sohrabuddin Sheikh case: All 22 accused acquitted by Special CBI Court in Mumbai due to lack of evidence pic.twitter.com/CSdFvx7f4w
— ANI (@ANI) December 21, 2018
बता दें कि इस मामले मुख्य नाम बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का था. हालांकि, उन्हें 2014 में आरोप मुक्त कर दिया गया था. शाह इन घटनाओं के वक्त गुजरात के गृह मंत्री थे. मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के करीब 92 गवाह मुकर गए. इस महीने की शुरुआत में आखिरी दलीलें पूरी किए जाने के बाद सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश एसजे शर्मा ने कहा था कि वे 21 दिसंबर को फैसला सुनाएंगे. ज्यादातर आरोपी गुजरात और राजस्थान के कनिष्ठ स्तर के पुलिस अधिकारी हैं. यह भी पढ़ें- 13 साल बाद फिर 'कॉमन मैन' बने शिवराज सिंह चौहान, खाली किया CM आवास, ट्रेन से किया सफर
क्या है पूरा मामला?
सोहराबुद्दीन शेख का एनकाउंटर 2005 में हुआ था. इस मामले की जांच गुजरात में चल रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि गुजरात में इस केस को प्रभावित किया जा रहा है, इसलिए 2012 में इसे मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया था. इसी मामले में सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया. इस मामले की सुनवाई पहले जज उत्पत कर रहे थे, हालांकि बाद में उनका ट्रांसफर कर दिया गया. उनके बाद इस मामले की सुनवाई जज बृजगोपाल गोया कर रहे थे, नियुक्ति के कुछ समय बाद ही उनकी मौत हो गई थी. जिसके बाद कुछ समय के लिए इस केस में मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन लगाया था.