देहरादून, 12 जुलाई : उत्तराखंड (Uttarakhand) में मानसून के मद्देनजर आपदा की ²ष्टि से 15वीं वाहिनी, एनडीआरएफ की छह टीमों को गढ़वाल, कुमाऊं में तैनात किया गया है. जो आपदा के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगी. प्रत्येक टीम में 35 सदस्य शामिल रहेंगे. राज्य आपदा परिचालन केंद्र के हवाले से कमांडेंट सुदेश कुमार दराल ने बताया कि प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान किसी भी आपदा से निपटने के लिए अति संवेदनशील एवं संवेदनशील क्षेत्रों में छह टीमों को लगाया है. यह टीमें अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग एवं आरआरसी झाझरा (देहरादून) में समस्त साजो सामान के साथ तैनात रहेंगी.
उन्होंने बताया कि प्रत्येक टीम में एक विशेष प्रकार की क्षमता है, जो कि अलग-अलग प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए सक्षम है. जिससे कि आपदा के समय त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत एवं बचाव कार्य किए जा सकें. उन्होंने बताया कि वर्तमान में पुलिस महानिदेशक के अनुरोध पर एनडीआरएफ की एक विशेष टीम को केदारनाथ में भी तैनात किया गया है. टीम की ओर से यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को काफी मदद पहुंचाई जा रही है. जिससे वहां स्थानीय प्रशासन को यात्रा को सुचारु रूप से चलाने में काफी मदद मिल रही है. यह भी पढ़ें : न्यायालय ने वरवर राव की अंतरिम सुरक्षा बढ़ाई, जमानत याचिका पर 19 जुलाई को सुनवाई
उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की ओर से जिलों में आम लोगों को भी आपदा से निपटने के गुर सिखाए जा रहे हैं. सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम के साथ ही बच्चों को स्कूल सेफ्टी प्रोग्राम के बारे में बताया जा रहा है. इस दौरान राज्य के 26 विद्यालयों में स्कूल सेफ्टी कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. वहीं, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि इस वक्त प्रदेश में एसडीआरएफ की 42 टीमें तैनात हैं, प्रत्येक में आठ सदस्य शामिल हैं.