सिंघु बॉर्डर, 18 जनवरी : कृषि कानूनों के खिलाफ 54 दिन से किसानों का प्रदर्शन जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को 26 जनवरी के लिए 'किसान गणतंत्र दिवस परेड' की योजनाओं का ब्योरा साझा किया. मोर्चा ने कहा, "देश के अन्नदाता देश के जवानों के साथ गणतंत्र दिवस मनाना चाहते हैं." किसान संगठनों के नेताओं ने कहा, "किसी भी असामाजिक तत्व को इसमें घुसपैठ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. हरियाणा और दिल्ली पुलिस से सहयोग का आग्रह भी किया है. परेड शांति से होगी, और आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड को बाधित नहीं करेगा. किसी भी राष्ट्रीय विरासत स्थलों, या किसी अन्य साइट पर कोई खतरा नहीं होगा."
26 जनवरी की परेड संबंधी विस्तृत जानकारी जल्द साझा की जाएगी, फिलहाल परेड आउटर रिंग रोड पर होगी. परेड में वाहनों में झांकियां शामिल होंगी जो ऐतिहासिक क्षेत्रीय और अन्य आंदोलनों के प्रदर्शन के अलावा विभिन्न राज्यों की कृषि वास्तविकता को दर्शाएंगी. किसान वाहनों पर भारत के राष्ट्रीय ध्वज को फहराएंगे और इसमें किसान संगठन के झंडे भी होंगे. वहीं किसी भी राजनीतिक पार्टी के झंडे को अनुमति नहीं दी जाएगी. यह भी पढ़ें : Farmers Protest: कड़ाके की ठंड के बावजूद आंदोलनकारी किसान प्रदर्शन स्थल पर हैं जमे, न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज
परेड में आंदोलन के शहीद किसानों के परिवारों, रक्षा सेवाकर्मियों, सम्मानित खिलाड़ियों, महिला किसानों आदि की भागीदारी होगी. परेड में कई राज्यों का प्रतिनिधित्व होने की उम्मीद जताई जा रही है. गणतंत्र दिवस पर जो किसान परेड में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली नहीं आ सकते, वे अनुशासन और शांति के साथ समान मानदंडों के साथ राज्य की राजधानियों और जिला मुख्यालयों पर परेड का आयोजन करेंगे. हालांकि किसान संगठनों और सरकार के बीच अगली दौर की बैठक 19 जनवरी को विज्ञान भवन में आयोजित की जाएगी.