Shraddha Murder Case: जंगल से पुलिस ने बरामद किया खोपड़ी का हिस्सा, महाराष्ट्र में कुछ और लोगों के बयान दर्ज
मृतक श्रद्धा (Photo: Credits ANI)

नयी दिल्ली/मुंबई, 21 नवंबर : बहुचर्चित श्रद्धा हत्याकांड में दिल्ली पुलिस को रविवार को बड़ी सफलता मिली. दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा वालकर के अवशेष का तलाशी अभियान तेज करते हुए रविवार को एक वन क्षेत्र से खोपड़ी के कुछ हिस्से और कुछ हड्डियां बरामद की तथा दक्षिण दिल्ली के मैदानगढ़ी में एक तालाब खाली करने के लिए टीम तैनात कीं. सूत्रों ने यह जानकारी दी. पुलिस के अनुसार, पूनावाला ने 18 मई को वालकर (27) को कथित तौर पर गला घोंटकर मार डाला था और उसके शरीर के 35 टुकड़े करके दक्षिण दिल्ली के महरौली स्थित अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रखे थे. श्रद्धा की लाश को काटने के लिए हेवी शार्प कटिंग वेपन्स का इस्तेमाल, CCTV फुटेज में दिखा आफताब.

इन टुकड़ों को वह कई दिनों तक आधी रात के बाद शहर में कई जगहों पर फेंकता रहा था. पुलिस आरोपी आफताब पूनावाला को और सबूत जुटाने के लिए उस फ्लैट में ले गई जहां वह और श्रद्धा रहते थे. इस बीच आफताब के नार्को परीक्षण के मद्देनजर दिल्ली पुलिस और रोहिणी की फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के अधिकारियों ने एक बैठक की. इस परीक्षण के जरिये पुलिस को आरोपियों से कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है.

आफताब का होगा नार्को टेस्ट 

रोहिणी फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "फॉरेंसिक विशेषज्ञों की हमारी कई टीम ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ नार्को विश्लेषण परीक्षण के संबंध में विस्तृत चर्चा की और उसी की तैयारी कर रहे हैं."दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को पुलिस को पांच दिनों के भीतर नार्को परीक्षण पूरा करने का निर्देश दिया था और यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वह उस पर ‘थर्ड डिग्री’ का इस्तेमाल नहीं कर सकती है.

महाराष्ट्र में भी जांच जारी 

इस बीच महाराष्ट्र के पालघर में एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की एक टीम रविवार को भी पालघर के वसई में मौजूद है और तीन लोगों को हत्याकांड के सिलसिले में उनका बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है. उन्होंने बताया कि वसई अपराध शाखा के दफ्तर में बयान दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है. अधिकारियों ने पहले बताया था कि दिल्ली पुलिस की टीम ने शनिवार को पालघर में चार लोगों के बयान दर्ज किए थे. उनके मुताबिक, इन चार में से दो वे व्यक्ति हैं जिनसे श्रद्धा ने आफताब की ओर से प्रताड़ित किए जाने के बाद 2020 में उनसे मदद मांगी थी.

अन्य दो लोगों में एक शख्स मुंबई के उस कॉल सेंटर का पूर्व प्रबंधक है जहां वालकर काम करती थी और दूसरी एक महिला है जो वालकर की सहेली थी. सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में महरौली और गुड़गांव के वन क्षेत्रों में व्यापक तलाशी के तीसरे दिन खोपड़ी और शरीर के अन्य हिस्से बरामद किये, जिनमें ज्यादातर हड्डियों के टुकड़े हैं. इन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा.

दिल्ली में खोजे जा रहे हैं शव के हिस्से 

दिल्ली पुलिस दिल्ली नगर निगम के दलों के साथ रविवार दोपहर से एक तालाब से पानी निकालने में लगी हुई है. यह कवायद आफताब के इस दावे के बाद शुरू हुई कि उसने श्रद्धा का सिर और कुछ अन्य अवशेष जलाशय में फेंके थे. गांव के रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के अध्यक्ष महावीर प्रधान ने कहा, "हमने सुना है कि शरीर के कुछ हिस्सों को यहां फेंक दिया गया था और उनकी तलाश चल रही है. वे तालाब से पानी निकाल रहे हैं. यह तालाब क्षेत्र के नलकूपों को पानी की आपूर्ति करता है."

उन्होंने कहा कि वे लोग पुलिस की मदद के लिए तैयार हैं, लेकिन तालाब खाली करने के बजाय शरीर के अंगों को बरामद करने का और भी तरीका हो सकता था. उन्होंने कहा, ‘‘शरीर हिस्सों की तलाश के लिए गोताखोरों को तैनात किया जा सकता था.’’ जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आफताब का दावा है कि उसने रसोई में श्रद्धा की हत्या करने के बाद उसकी तीन तस्वीरें जला दीं. पूछताछ के दौरान, आरोपी ने कहा कि उसने श्रद्धा के लिए नफरत विकसित कर ली थी और उसकी हत्या करने के बाद उससे जुड़े विभिन्न सामानों की छानबीन की थी.

आफताब के फ्लैट की तलाशी 

श्रद्धा की तीन बड़ी तस्वीरें उनके बेडरूम में थीं, जिनमें उनके उत्तराखंड दौरे की दो एकल तस्वीरें और मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के पास युगल की 2020 की तस्वीर शामिल थी. पूछताछ में उसने कहा कि वह घर में श्रद्धा से जुड़े हर सबूत को नष्ट कर देना चाहता था. पुलिस ने घर से श्रद्धा के जूते और कपड़े सहित सामान का एक बैग बरामद किया है.

पुलिस श्रद्धा की हत्या के लिए अदालत में उसे पेश करने के वास्ते सबूतों की तलाश कर रही है, लेकिन यह एक चुनौतीपूर्ण काम बना हुआ है, क्योंकि लगभग छह महीने बाद इस अपराध का पता चला था. यहां के विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे मामलों में परिस्थितिजन्य साक्ष्य और फोरेंसिक जांच महत्वपूर्ण होती है.

दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने कहा कि हत्या का यह छह महीनों पुराना मामला है और अपराध स्थल को साफ कर दिया गया है तथा पुलिस पूरी तरह से आरोपी के कबूलनामे पर निर्भर है, जो एक ‘‘चालाक’’ व्यक्ति प्रतीत होता है. उन्होंने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘यह बहुत ही कठिन मामला होने जा रहा है और इस मामले में आपराधिक न्याय प्रणाली के सभी संस्थानों की मदद की आवश्यकता होगी. पुलिस जो कर सकती है वह करेगी, लेकिन अदालत को भी स्थिति को समझना होगा और उसके अनुसार कार्य करना होगा.’’