मुंबई, 27 सितम्बर : लक्ष्मी विलास बैंक (Laxmi Vilas Bank) के शेयरधारकों ने अपने निदेशक मंडल को सात निदेशकों की पुनर्नियुक्ति के खिलाफ मतदान किया है, जिसमें एमडी और सीईओ एस. सुंदर शामिल हैं. सुंदर को इस साल जनवरी में बैंक के अंतरिम एमडी के रूप में नियुक्त किया गया था. इस मामले के जानकार लोगों का कहना है कि शेयरधारकों के फैसले से बैंक के प्रबंधन को लेकर उनकी नाखुशी का पता चलता है, जो हालिया समय में वित्तीय संकट से गुजर रहा है.
बैंक ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि दिलचस्प बात यह है कि 25 सितंबर को बैंक की वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों ने भी अपने वैधानिक लेखा परीक्षकों की फिर से नियुक्ति के खिलाफ मतदान किया. जिन निदेशकों की नियुक्ति को खारिज किया गया है उनम एन.साईप्रसाद, गोरिंका जगनमोहन राव, रघुराज गुर्जर, के.आर. प्रदीप, बी.के. मंजूनाथ और वाई.एन. लक्ष्मीनारायण मूर्ति शामिल हैं.
प्रस्तावित 10 पुनर्नियुक्तियों में से, शक्ति सिन्हा, सतीश कुमार कालरा और मीता माखन के डायरेक्टरशिप को शेयरधारकों ने स्वीकार किया. यह सन ऐसे समय में हुआ है जब बैंक कठिन दौर से गुजर रहा है और क्लिक्स कैपिटल के साथ विलय के लिए बातचीत चल रही है.