चेन्नई, 18 नवंबर: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने मंगलवार को लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड में विलय का प्रस्ताव रखा. डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड सिंगापुर की डीबीएस बैंक लिमिटेड की पूर्व स्वामित्व वाली अनुषंगी है. आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक को 30 दिन के मोरेटोरियम के अंतर्गत रखने के बाद यह प्रस्ताव रखा है. केंद्रीय बैंक ने बैंक की वित्तीय स्थिति के बुरी तरह बिगड़ने का हवाला देते हुए बैंक के बोर्ड को अपने नियंत्रण में लेने का निर्णय किया है.
इसके साथ ही केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी अध्यक्ष (नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन) टी. एन. मनोहरन को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है. आरबीआई के अनुसार, डीबीएस बैंक सिंगापुर एशिया के प्रमुख वित्तीय सेवा समूह डीबीएस ग्रुप होल्डिंग्स लिमिटेड की सहायक कंपनी है और इस तरह यह एक मजबूत पैतृक लाभ है.
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एक बयान में देश के शीर्ष बैंक ने कहा कि डीबीएस बैंक इंडिया के पास एक मजबूत बैलेंस शीट है, जिसमें मजबूत पूंजी समर्थन है. 31 मार्च को 7,023 करोड़ रुपये की पूंजी के मुकाबले 30 जून को इसकी कुल विनियामक पूंजी 7,109 करोड़ रुपये थी. लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड को 17 नवंबर को मोरेटोरियम के अंतर्गत रखा गया है, जो 16 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा.