नई दिल्ली, 25 नवंबर. संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक (Laxmi Vilas Bank) को लेकर केंद्र की मोदी सरकार (Modi Cabinet) ने बड़ा फैसला लिया है. बताना चाहते हैं कि केंद्र ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड ( DBS Bank India Limited) में विलय पर मुहर लगा दी है. इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Union Minister Prakash Javadekar) ने आज प्रेस वार्ता के जरिए दी. साथ ही उन्होंने बताया कि एटीसी में भी एफडीआई की मंजूरी दी गई है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लक्ष्मी विलास बैंक के विलय की जानकारी देते हुए आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट और आर्थिक मामलों के मंत्रीमंडल समिट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र का पूरा जोर आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देना है. इसमें पैसे लाने के लिए डेट मार्केट का लाभ उठाया जाने वाला है. जावड़ेकर ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने नेशनल इनवेस्टमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (NIIF) की स्थापना की थी. अब कैबिनेट ने फैसला किया है इसमें 6 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा. यह भी पढ़ें-केंद्र सरकार ने आर्थिक संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक पर लगाया प्रतिबंध, बैंक से ग्राहक 16 दिसंबर तक सिर्फ ₹25000 रुपये ही निकाल सकेंगे
ANI का ट्वीट-
Union Cabinet approves Scheme of Amalgamation of Lakshmi Vilas Bank with DBS Bank India Limited. With this, there'll be no further restrictions on depositors regarding the withdrawal of their deposits: Union Minister Prakash Javadekar https://t.co/Vk5xxP6sIw
— ANI (@ANI) November 25, 2020
जावड़ेकर ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर में 2480 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आ रहा है, उसे कैबिनेट ने मंजूरी दी है. इससे पहले आरबीआई ने 17 नवंबर को दक्षिण भारत के लक्ष्मी विलास बैंक को एक महीने के लिए मोरेटोरियम पर डाला हुआ था. जिसके बाद से बैंक के शेयर लगातार गिर रहे थे. साथ ही आरबीआई ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि कोई भी ग्राहक एक महीने तक 25 हजार से अधिक नहीं निकाल सकता है.