Sensex: आर्थिक आंकड़ों, आरबीआई के फैसले पर रहेगी शेयर बाजार की नजर
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Photo Credits: ANI)

मुंबई, 4 अप्रैल : चुनावी गहमागहमी से बढ़ी राजनीतिक सरगर्मियों और बढ़ते कोरोना केस के बीच देश के शेयर बाजार (Share Market) ने बीते सप्ताह नये वित्त वर्ष का स्वागत गर्मजोशी के साथ किया. आने वाले हफ्ते में कई प्रमुख आर्थिक आंकडे जारी होने के साथ-साथ आरबीआई मौद्रिक नीति (RBI Monetary Policy) समीक्षा बैठक भी होने जा रही है. घरेलू शेयर बाजार हाल के दिनों में अमेरिकी बांड बाजार के रुखों से भी प्रभावित रहा है. ऐसे में शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और विदेशी संकेतों से ही तय होगी जबकि निवेशकों की नजर आरबीआई की बैठक में लिए जाने वाले फैसलों पर भी टिकी रहेगी. उधर, कई घरेलू कंपनियां बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे जारी करने वाली हैं.

देश के विनिर्माण क्षेत्र की तस्वीर पेश करने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़े मार्किट मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के मार्च महीने के आंकड़े सप्ताह के आरंभ में सोमवार को जारी होने वाले हैं जबकि सेवा क्षेत्र की पीएमआई के मार्च महीने के आंकड़े बुधवार को आने वाले हैं. नये वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक इस सप्ताह होने जा रही है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक में लिए जाने वाले फैसलों की घोषणा बुधवार को होने वाली है जिस पर बाजार की निगाहें टिकी रहेंगी. उधर, अमेरिका में भी यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश में पुजारी के लापता होने से क्रोधित ग्रामीणों ने धरना दिया

मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के मार्च महीने के आंकड़े सोमवार को ही जारी होंगे. वहीं, अमेरिका में गैर-कृषि क्षेत्र के रोजगार के मार्च महीने के आंकड़े जो बीते सप्ताह जारी हुए हैं वो काफी उत्साहवर्धक हैं. इन आंकड़ों का असर वैश्विक बाजार पर देखने को मिलेगा जिसका प्रभाव भारतीय बाजार पर भी रहेगा. इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले देसी करेंसी रुपये की चाल का भी घरेलू शेयर बाजार पर असर रहेगा. केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी और चार अन्य राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों को लेकर देश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं. वहीं, कोरोनावायरस संक्रमण के दोबारा बढ़ते मामले और संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों से आर्थिक गतिविधियों पर होने वाले असर पर भी निवेशकों की नजर बनी हुई है.