लखनऊ. भारतीय सीमा की रक्षा करते हुए सेना के जवान अपनी जान गंवाने से जरा भी हिचकते नहीं है. लेकिन सीमा ही नहीं अगर जरूरत पड़े तो देश के भीतर भी अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं. ऐसे वीर जवानों को हर भारतीय दिल से सलाम करता है. एक बार फिर ऐसी कुर्बानी की मिसाल पेश की है यूपी के लाल संजय चौहान ने. भारतीय वायुसेना (आईएएफ) का जगुआर विमान मंगलवार को गुजरात में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में एयर कोमोडोर संजय चौहान शहीद हो गए.
एयर कोमोडोर संजय चौहान अगर चाहते तो जगुआर विमान में खराबी के बाद प्लेन से इजेक्ट हो सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा न करते हुए जगुआर विमान को खाली जमीन पर उतारने की कोशिश की. अगर विमान आबादी वाली जगह पर क्रैश होता तो कई निर्दोष लोगों की जान जा सकती थी. यही कारण था कि शहीद संजय ने प्लेन को खुली जगह पर लेकर जाने की कोशिश की और उनकी जान चली गई. वहीं इस घटना के बाद संजय चौहान के परिवार में मातम पसरा हुआ है लेकिन उनकी वीरता पर हर कोई नाज़ कर रहा है.
गौरतलब हो कि गुजरात के कच्छ में मंगलवार को भारतीय वायुसेना का जगुआर एयरक्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में पायलट कमांडर संजय चौहान शहीद हो गए. एयरक्राफ्ट ने रुटीन ट्रेनिंग के लिए जामनगर से उड़ान भरी थी. हादसे का कारण पता करने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए. शुरुवाती जानकारी के मुताबिक यह विमान रूटीन ट्रेनिंग मिशन के लिए जामनगर एयरबेस से उड़ा था, लेकिन थोड़ी ही देर बाद पास के ही बजेरा गांव में क्रैश कर गया.