उत्तर प्रदेश: यमुना एक्सप्रेसवे के पूर्व CEO और 20 अन्य के खिलाफ घोटाले का मामला दर्ज, केंद्र सरकार से अक्टूबर महीने में मिली थी जांच की अनुमति
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बुधवार को कहा कि उसने यमुना एक्सप्रेसवे घोटाले में 126 करोड़ रुपये की कथित अनियमितता के लिए जांच का जिम्मा संभाल लिया है और पूर्व सीईओ पी.सी. गुप्ता और 20 अन्य के नाम प्राथमिकी में दर्ज किया है. सीबीआई को केंद्र सरकार से अक्टूबर में मामले की जांच करने की अनुमति मिली थी. राज्य सरकार ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) ने बुधवार को कहा कि उसने यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) घोटाले में 126 करोड़ रुपये की कथित अनियमितता के लिए जांच का जिम्मा संभाल लिया है और पूर्व सीईओ पी.सी. गुप्ता और 20 अन्य के नाम प्राथमिकी में दर्ज किया है. सीबीआई (CBI) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच एजेंसी ने यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए मथुरा में भूमि के बड़े हिस्से की खरीद की जांच को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश पर मामला दर्ज किया है.
सीबीआई को केंद्र सरकार से अक्टूबर में मामले की जांच करने की अनुमति मिली थी. राज्य सरकार ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि यमुना एक्सप्रेसवे के लिए जमीन 2014 में 85 करोड़ रुपये में तत्कालीन यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा मथुरा के सात गांवों में खरीदी गई थी.
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जिसके कारण राज्य सरकार को 126 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. मामला पहले गौतमबुद्ध नगर के कासना पुलिस थाने में दर्ज किया गया था.