
छत्रपति संभाजी नगर, महाराष्ट्र: छत्रपति संभाजी नगर में एक अनोखा आंदोलन देखने को मिला. जहांपर पानी की समस्या को लेकर एक सरपंच साड़ी पहनकर हाथों में पानी का बर्तन लेकर ही जिला परिषद पहुंच गए. इन सरपंच का नाम मंगेश साबले है. संभाजीनगर के गेवराई पायगा गांव के सरपंच मंगेश साबले ने एक अनोखा आंदोलन किया.उन्होंने साड़ी पहनकर और सिर पर पानी का बर्तन लेकर विरोध प्रदर्शन किया .
महिला के लिबास में उनके इस विरोध की चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है.सरपंच मंगेश साबले ने महिला के वेशभूषा में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास मीणा के ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन किया.उनके सिर पर पानी भरने का बर्तन भी था. आंदोलन के दौरान उन्होंने गांव में महिलाओं की समस्याओं को उठाने का प्रयास किया. इस तरह का आंदोलन कर उनकी चर्चा अब पुरे जिले में हो रही है.ये भी पढ़े:Unique protest in Amravati: अमरावती में किसान का अनोखा आंदोलन! सड़क से इलेक्ट्रिक पोल को हटाने के लिए बिजली के पोल के ऊपर ही खाट बांधकर बैठ गया किसान (Watch Video )
सरपंच ने किया साडी पहनकर आंदोलन
जलजीवन मिशन के काम पिछले चार साल से नहीं हुए पूरे
सरपंच निलेश साबले का कहना है की पिछले 4 साल से जलजीवन मिशन के काम पूरे नहीं हुए है. काम पूरे नहीं होने की वजह से गांव की महिलाओं को पानी के लिए भटकना पड़ता है. महिलाएं पानी के लिए भटक रही है. महिलाओं को होने वाली तकलीफ ये अधिकारियों तक पहुंचे, इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर उन्होंने ये प्रदर्शन किया.
सरपंच ने बयां की गांव की परेशानी
सरपंच मंगेश साबले कहा ,'नमस्ते दोस्तों मैं मंगेश साबले बोल रहा हूं. आज मैं सरपंच बनकर जिला परिषद कार्यालय नहीं आया हूं,मैं अपने गांव की महिलाओं की आवाज बनकर यहां आया हूं.मेरे गांव की महिलाओं को पानी लाने के लिए दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. पहले तो साफ पानी नहीं मिला तो विरोध किया.आज लगभग दो साल हो गए हैं. जलजीवन मिशन का काम 2020 में शुरू हुआ है. चार साल हो गये, काम पूरा नहीं हुआ. उद्घाटन हुआ, एक करोड़ 80 लाख रूपए का बजट भी लगा, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ. पूरे जिले में यही स्थिति है. मेरे गांव की स्थिति बताने के लिए मुझे महिलाओं के भेष में यहां आना पड़ा.