सरदार सरोवर बांध पीड़ितों ने किया विरोध प्रदर्शन, नाराजगी जाहिर करते हुए मनाया धिक्कार दिवस

सरदार सरोवर बांध पीड़ितों ने विरोध प्रदर्शन किया और धिक्कार दिवस मनाया. उन्होंने साथ ही गुजरात और केंद्र सरकार के रवैए पर नाराजगी जाहिर की. नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने मेधा पाटकर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया. पाटकर ने इस मौके पर कहा घाटी के गांवों की कब्र पर महल बनाना चाहने वालों को सबका साथ सबका विकास का नारा नहीं देना चाहिए.

सरदार सरोवर बांध (Photo Credits: Twitter)

बड़वानी : सरदार सरोवर बांध (Sardar Sarovar Dam) पीड़ितों ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया और धिक्कार दिवस मनाया. उन्होंने साथ ही गुजरात और केंद्र सरकार के रवैए पर नाराजगी जाहिर की. नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने मेधा पाटकर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया. पाटकर ने इस मौके पर कहा, "घाटी के गांवों की कब्र पर महल बनाना चाहने वालों को 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा नहीं देना चाहिए."

उन्होंने आरोप लगाया, "मध्य प्रदेश के मैदानी गांवों में सर्वेक्षण और बैकवाटर लेवल का खेल, आंकड़ों और पैसों का बड़ा घोटाला हुआ है. संवादहीनता के साथ-साथ भ्रष्टाचार किया गया है और पुनर्वास पूरा होने के झूठे दावे किए गए हैं. मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार संवाद कर रही है, गुजरात और केंद्र के सामने सवाल है, क्योंकि हजारों परिवारों का पुनर्वास बाकी है. युद्घ स्तर पर कार्य होना जरूरी था, जरूरी है."

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प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया, "चिखलदा, खापरखेड़ा, जांगरवा, सेगांवा, निसरपुर जैसे गांवों की हत्या हो चुकी है. कई घर, गांव, खेती डूब रही है या टापू में बदल गए हैं. मंदिर, मस्जिद बिना पुनर्वास के डूबे हैं." ज्ञात हो कि सरदार सरोवर बांध का जलस्तर बढ़ाए जाने से मध्य प्रदेश के तीन जिलों बड़वानी, धार और अलिराजपुर के 192 गांव और एक नगर डूब में आ गए हैं.

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