Sakinaka Rape Case: महिला आयोग की टीम ने मुंबई में पीड़ित परिवार से की मुलाकात, पुलिस के प्रति जताई नाराजगी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

मुंबई: महाराष्ट्र के साकीनाका में हुए भयानक दुष्कर्म और हत्या की घटना के मद्देनजर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की एक टीम अधिकारियों और पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने यहां पहुंची.  शीर्ष महिला अधिकार पैनल ने मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले (Hemant Nagrale) के एक बयान पर भी नाराजगी जताई, जिन्होंने मीडिया को बताया कि कैसे स्थानीय पुलिस टीम 10 मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंच गई. शुक्रवार को हुई घटना पर उन्होंने शनिवार को कहा था, "पुलिस हर अपराध स्थल पर मौजूद नहीं हो सकती.  वे सूचना मिलने के बाद ही पहुंचेंगे.  पुलिस ने अपनी पूरी क्षमता से काम किया. यह भी पढ़े: Sakinaka Rape Case: सीएम Uddhav Thackeray ने महिला के साथ हुई बर्बरता को बताया मानवता के लिए कलंक, बोले- दोषी को मिलेगी कड़ी सजा

एनसीडब्ल्यू की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने बयान को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया और कहा कि पुलिस अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती. एनसीडब्ल्यू के सदस्यों ने 33 वर्षीय पीड़िता के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, जिनकी दो नाबालिग बेटियां हैं. वे अपराध स्थल और बीएमसी द्वारा संचालित राजावाड़ी अस्पताल भी गए, जहां पीड़िता को ले जाया गया, उसकी सर्जरी की गई, लेकिन लगभग 33 घंटे की लड़ाई के बाद उसकी गंभीर चोटों के कारण उसने दम तोड़ दिया.

सुन्न कर देने वाली इस घटना के कुछ घंटों बाद साकीनाका पुलिस ने तकनीक-बुद्धि का इस्तेमाल किया और आरोपी मोहन चौहान (45), उत्तर प्रदेश के जौनपुर के बेरोजगार ड्राइवर को पकड़ लिया, क्योंकि इस घटना के कारण बड़े पैमाने पर राजनीतिक हंगामा हुआ.

चौहान इस समय 21 सितंबर तक पुलिस हिरासत में है और राज्य के सबसे बड़े सार्वजनिक उत्सव गणेशोत्सव की पूर्व संध्या पर साकीनाका के उजाड़ खैरानी रोड इलाके में हुए बर्बर अपराध के कारणों के लिए पूछताछ की जा रही है.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मामले को फास्ट-ट्रैक विशेष अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है और 30 दिनों के भीतर मामले की जांच के लिए सहायक पुलिस आयुक्त ज्योत्सना रसम की अध्यक्षता में मुंबई पुलिस की विशेष जांच टीम का गठन किया गया है.

शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और राज्यभर की महिला नेताओं ने इस घटना पर नाराजगी व्यक्त की है और प्रस्तावित 'शक्ति कानून' को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है.