कोच्ची: केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. बेफिक्र केरल की महिला अधिकार कार्यकर्ता रेहाना फातिमा और हैदराबाद की पत्रकार कविता जक्कल ने मंदिर के भीतर जाने की कोशिश की थी. लेकिन उन्हें इंट्री नहीं मिल पाई. भारी विरोध के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा था.
वहीं अब एक खबर सामने आई है कि मंदिर में प्रवेश करने की मांग करने वाली रेहाना फातिमा का ट्रांसफर कर दिया गया है. रेहाना फातिमा का तबादला शहर के पलारीवत्तोम टेलीफोन एक्सचेंज में कर दिया गया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि स्थानीय बोट जेटी शाखा की ग्राहक सुविधा इकाई में तकनीशियन के तौर पर काम करने वालीं फातिमा का मंगलवार को पलारीवत्तोम टेलीफोन एक्सचेंज में तबादला कर दिया.
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बहरहाल, सूत्रों ने बताया कि फातिमा ने कर्तव्य में कोई लापरवाही नहीं बरती है.
सबरीमला कर्म समिति ने मंगलवार को पलारीवत्तोम के बीएसएनएल दफ्तर तक विरोध मार्च कर फातिमा के निष्कासन की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सबरीमाला मामले में संविधान पीठ के फैसले को वापस लेने की मांग करने वाली कई याचिकाओं पर 13 नवंबर को सुनवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने अपने ऐतिहासिक फैसले में सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष आयु समूह की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति प्रदान की थी. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई 13 नवंबर को सूचीबद्ध कर दी गई है.( इनपुट एजेंसी )