CBI घूसकांडः निदेशक पद से हटाए जाने के खिलाफ SC जाएंगे आलोक वर्मा, 26 अक्टूबर को होगी सुनवाई
आलोक वर्मा (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई यानी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन में जारी अंदरूनी कलह बढती चली जा रही है. दरअसल सीबीआई ने अपने डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को तत्काल छुट्टी पर जाने का आदेश दिया था. लेकिन अब आलोक वर्मा निदेशक पद से हटाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए है. शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार करते हुए 26 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख दी है.

देश की इस शीर्ष जांच एजेंसी के इतिहास में यह पहला इस तरह का मामला है. अधिकारिक नोटिफिकेशन के मुताबिक एम नागेश्‍वर राव को सीबीआई का नया कार्यवाहक निदेशक नियुक्‍त किया गया है.  एम नागेश्‍वर राव वर्तमान समय में एम नागेश्‍वर राव सीबीआई में ही संयुक्‍त निदेशक के पद पर कार्यरत हैं.

केंद्र सरकार ने विवादों में उलझे सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से सारे अधिकार वापस ले लिए थे. बता दें कि आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच पिछले कई महीनों से जारी विवाद कोर्ट तक पहुंच चूका है. दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं.

एक सरकारी आदेश में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नियुक्ति समिति ने मंगलवार की रात संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को तत्काल प्रभाव से सीबीआई निदेशक का प्रभार दिया.

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इस आदेश का मतलब यह है कि सरकार ने सीबीआई के पदानुक्रम में संयुक्त निदेशक से वरिष्ठ स्तर यानी अतिरिक्त निदेशक रैंक के तीन अधिकारियों को दरकिनार कर नागेश्वर राव को एजेंसी के निदेशक का प्रभार दिया. जिन तीन अतिरिक्त निदेशकों को दरकिनार किया गया उनमें ए के शर्मा भी शामिल हैं. अस्थाना की ओर से की गई शिकायत में शर्मा का नाम सामने आया था. CBI घूसकांडः अंदरूनी जंग पर ब्रेक लगाने के लिए आलोक-राकेश की छुट्टी, नागेश्‍वर राव को मिली कमान