एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी भारत को तय समय में कर दी जाएगी. रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरीसोव (Russian Deputy Prime Minister Yuri Borisov) ने 18-19 महीने के अंदर भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम (S-400 Air Defence Missile Systems) की सप्लाई कर देगा. युरी बोरीसोव ने कहा कि अग्रिम भुगतान प्राप्त हो गया है. बता दें कि रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मिलने और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए पिछले महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर मास्को गए थे.
भारत ने 2015 में रूस में निर्मित एस-400 मिसाइल प्रणाली हासिल करने के अपने इरादे की घोषणा की थी. पिछले साल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान 5.43 अरब अमेरिकी डॉलर की आपूर्ति के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे.
बता दें कि एस-400 और थाड दोनों एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली हैं लेकिन दोनों की मारक क्षमता में काफी अंतर है. S-400 300 किलोमीटर की रेंज तक मार कर सकता है. यह 'फायर एंड फॉरगेट' की नीति पर काम करता है. S-400 जहां कई स्तर के डिफेंस सिस्टम पर काम करता है, तो थाड सिंगल लेयर डिफेंस प्रणाली है.
प्रत्येक एस 400 ट्रायम्फ में आठ मिसाइल लांचर होते हैं. इससे 400 मिसाइलों को लांच किया जा सकता है. इसमें एक कमांड सेंटर और उच्च क्षमता वाला रडार होता है. यह मस्ट युक्त होता है. इस मस्ट में 72 मिसाइलें आ सकती है. S-400 4,800 मीटर प्रति सेकेंड वाले टारगेट को आसानी से तबाह कर सकता है. S-400 ट्रंफ मिसाइल एक साथ 100 हवाई खतरों को भांप सकता है.
भारत बनेगा तीसरा देश.
चीन और तुर्की के बाद रूस के साथ एस-400 डील करने वाला भारत तीसरा मुल्क है. यानी भारत दुनिया का तीसरा मुल्क बन गया है जिसके पास यह मिसाइल सिस्टम मौजूद होगा. सऊदी अरब (Saudi Arabia) के साथ भी इस मिसाइल सिस्टम की खरीद को लेकर बात चल रही है.