Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन में बढ़ते विवाद के बीच भारतीय छात्रों में लगातार डर बना हुआ है। भारत में बैठे माता पिता लगातार अपने बच्चों की सलामती की दुवाएं मांग रहे हैं और सरकार से बच्चों को बाहर निकालने की विनती कर रहे हैं. गाजियाबाद के शिवम यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए हुए हैं, लेकिन बिगड़े हालात में फंस गए हैं. शिवम ने माता पिता की वीडियो कॉल पर सारी स्थिति बताई तो मां के आंखों से आंसू छलक उठे. गाजियाबाद लोनी विकास कुंज निवासी शिवम ठाकुर यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गए थे, अब बिगड़ते हालातों में वहां फंस गए हैं। परिवार के सभी सदस्य शिवम को लेकर काफी चिंतित हैं.
शिवम के पिता सतेंद्र ने बताया कि, बच्चे की हालत बहुत ज्यादा खराब है, खाने को कुछ नहीं मिल रहा है। इंटरनेट के कारण बात करना भी मुश्किल हो गया है. हम सरकार से यही अपील करेंगे कि हमारे बच्चों को सही सलामत वापस बुला लिए जाए.
शिवम की मां सुबह शाम सिर्फ रो रही हैं, मंदिर के सामने हाथ जोड़ भगवान से अपने बच्चे की सलामती की दुआएं कर रही हैं। शिवम की मां रजनी ने बताया कि, मेरा बेटा बहुत परेशान है, बहुत रो रहा है और बोल रहा है मुझे निकाल लो। उसके पास पैसे तक नहीं है, बैंक भी बंद हो चुके हैं। मैं मोदी सरकार से यही प्रार्थना करती हूं कि शिवम व अन्य बच्चों को निकाला जाए. "तीन साल से यूक्रेन में पढ़ाई कर रहा है अब हालात खराब हुए हैं. शिवम को 27 तारीख को फ्लाइट से आना था लेकिन वो रद्द हो गई। इस कारण बच्चा और परेशान हो गया है.
दरअसल यूक्रेन में भारत के करीब 16 हजार स्टूडेंट्स फंसे हैं, जिन्हें वापस लाने की कवायद की जा रही है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों के सैकड़ों स्टूडेंट्स भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं.
इसके अलावा नागरिकों के लिए भारत सरकार ने एक प्लान तैयार किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि, हेल्पलाइन नंबर्स जारी किए जा रहे हैं। वहीं वैकल्पिक व्यवस्था तैयार की जा रही है। विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि उन्होंने यूक्रेन में मौजूदा स्थिति के कारण नई दिल्ली में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और नियंत्रण कक्ष उन सभी फंसे हुए भारतीय नागरिकों को सूचना और सहायता प्रदान करेगा जो युद्ध से वापस आना चाहते हैं.