मुंबई, सात अक्टूबर: अमेरिकी मुद्रा में मजबूती के रुख के बीच शुक्रवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 13 पैसे की गिरावट के साथ 82.30 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ. कारोबारियों के अनुसार, घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट आने और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल बने रहने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई. Fact Check: 'प्रधानमंत्री कन्या आशीर्वाद योजना' के तहत बेटियों को मिलेगी ₹1,50,000 की राशि? जानें क्या है सच.
अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.19 के भाव पर खुला और कारोबार के दौरान रुपये ने 82.43 के निचले स्तर को भी छुआ. हालांकि कारोबार के अंत में रुपया पिछले बंद भाव के मुकाबले 13 पैसे कमजोर होकर 82.30 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
इससे पहले रुपया बृहस्पतिवार को 55 पैसे गिरकर 82.17 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था.
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी की आशंका के कारण इस सप्ताह रुपये में डॉलर के मुकाबले कुल 90 पैसे यानी 1.11 प्रतिशत की गिरावट आई है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा एवं बुलियन विश्लेषक गौरांग सोमैया ने कहा, "डॉलर के अपने प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले मजबूत होने के कारण रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया. वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने भी बाजार की धारणा को प्रभावित किया."
इस बीच, दुनिया की प्रमुख छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.19 प्रतिशत गिरकर 112.04 पर आ गया. ओपेक देशों द्वारा तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा के बाद अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.82 प्रतिशत चढ़कर 95.19 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.
इसके अलावा घरेलू स्तर पर बीएसई सेंसेक्स 30.81 अंक यानी 0.05 प्रतिशत गिरकर 58,191.29 अंक पर पहुंच गया जबकि निफ्टी 17.15 अंक की गिरावट के साथ 17,314.65 अंक पर आ गया. विदेशी संस्थागत निवेशकों ने पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदारी की. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को विदेशी निवेशकों ने 545.25 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की लिवाली की.
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