राष्ट्रीय स्वयं संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने प्रयागराज (Prayagraj) में चल रहे कुंभ (Kumbh) में विश्व हिंदू परिषद (VHP) की धर्म संसद के दौरान सबरीमाला (Sabarimala) मुद्दे पर कहा कि उसकी अपनी परंपरा रहती है. लेकिन देश भर के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान इससे आहत होगा, ये विचार कोर्ट ने किया नहीं. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने कहा महिला अगर प्रवेश चाहती है तो करने देना चाहिए. अगर किसी को रोका जाता है तो उसको सुरक्षा देकर जहां से सब दर्शन करते हैं वहां से ले जाना चाहिए. लेकिन कोई जाना नहीं चाह रहा है इसलिए श्रीलंका से लाकर, पीछे के दरवाजे से घुसाया जा रहा है.
M Bhagwat:Court ne kaha mahila agar parvesh chahti hai to karne dena chaiye,agar kisiko roka jata hai to usko suraksha dekar jahan se sab darshan karte hain vahan se le jana chaiye.Lekin koi jana nahi chah raha hai isliye SriLanka se lakar,peeche ke darwaze se ghusaya ja raha hai pic.twitter.com/RZZSrMpq1k
— ANI UP (@ANINewsUP) January 31, 2019
गौरतलब है कि वीएचपी की ओर से प्रयागराज कुंभ में गुरुवार से धर्म संसद का आयोजन किया गया है. ये धर्म संसद एक फरवरी तक चलेगी. इस धर्म संसद में देशभर के करीब 5,000 साधु-संत जुट रहे हैं. वीएचपी ने इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की हैं. यह भी पढ़ें- राम मंदिर पर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का बड़ा ऐलान- 21 फरवरी को रखेंगे आधारशिला, नहीं होगा कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
धर्म संसद से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच गुरुवार सुबह मुलाकात हुई. माना जा रहा है कि एक फरवरी को वीएचपी की ओर से आयोजित इस धर्म संसद में राम मंदिर मुद्दे पर प्रस्ताव आ सकता है.