मुंबई, 4 दिसंबर : भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गर्वनर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को कहा कि देश में खुदरा महंगाई दर चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में 6.8 फीसदी रह सकती है, लेकिन चौथी तिमाही में घटकर 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है. आरबीआई का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में खुदरा महंगाई दर 5.2 फीसदी से लेकर 4.6 फीसदी के बीच में रह सकती है.
केंद्रीय छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक में लिए गए फैसले की घोषणा करते हुए आरबीआई गनर्वर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी का अनुमान है महंगाई दर बहरहाल उंची रह सकती है, लेकिन सर्दी के महीनों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर में नरमी आने की संभावना है.
इससे पहले आरबीआई ने शुक्रवार को प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट चार फीसदी पर बरकरार रखने की घोषणा की. आरबीआई ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. केंद्रीय छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिए गए फैसले के बाद आरबीाई गनर्वर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट चार फीसदी पर बरकरार रखने की घोषणा की.
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालीन ऋण मुहैया करवाता है. वहीं, रिवर्स रेट पर वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों से जमा प्राप्त करता है. आरबीआई का रेपो रेट इस समय 4 फीसदी है जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में आगे भी समायोजी रुख बनाए रखने का संकेत दिया है.