राहतभरी खबर! कोटा में छात्रों के आत्महत्या के मामलों में भारी गिरावट, 50% कम हुए सुसाइड केस

कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामलों में 50% की कमी, प्रशासन के प्रयासों का असर

कोटा: राजस्थान के कोटा, जो आईआईटी-जेईई जैसे प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रमुख कोचिंग हब के रूप में जाना जाता है, में इस साल छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामलों में 50% की कमी दर्ज की गई है. यह जानकारी कोटा जिला प्रशासन ने दी है. हालांकि, अधिकारियों ने इन आंकड़ों का विस्तृत विवरण साझा नहीं किया है.

कोटा कलेक्टर रवींद्र गोस्वामी ने पीटीआई से बातचीत में कहा, "पिछले साल की तुलना में इस साल कोचिंग छात्रों में आत्महत्या की दर में 50% की कमी आई है. यह प्रशासन के प्रयासों का सकारात्मक परिणाम है. हमें उम्मीद है कि यह प्रवृत्ति आगे भी जारी रहेगी."

आत्महत्या के मामलों में गिरावट के आंकड़े

रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में कोटा में कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या के 17 मामले सामने आए, जबकि 2023 में यह संख्या 26 थी.

गोस्वामी के अनुसार, यह कमी प्रशासन द्वारा कोचिंग संस्थानों और हॉस्टलों के लिए सख्त दिशा-निर्देश लागू करने और उनके पालन के कारण हुई है.

प्रशासन के प्रयास

छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं:

WHO मानकों के आधार पर गेट-कीपर प्रशिक्षण: हॉस्टल वार्डन को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को पहचानने और समय पर मदद करने के लिए प्रशिक्षित किया गया.

SOS हेल्प सेवाएं: आपातकालीन स्थिति में छात्रों को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए हेल्पलाइन सेवाएं शुरू की गईं.

'डिनर विद कलेक्टर' और 'संवाद' कार्यक्रम: कोटा कलेक्टर ने 25,000 से अधिक छात्रों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को समझा और समाधान किए.

कलिका स्क्वाड की तैनाती: महिला और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष टीम का गठन किया गया.

'कोटा केयर्स' और अन्य पहल

कलेक्टर गोस्वामी ने 'कोटा केयर्स' कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य छात्रों की भलाई और सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इस कार्यक्रम के तहत कोटा के पूर्व छात्रों को वर्तमान छात्रों से बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया, ताकि वे छात्रों को बेहतर सुविधाओं और वातावरण का आश्वासन दे सकें.

इसके अलावा, हाल ही में संपन्न हुए तीन दिवसीय कोटा महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें कोटा की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करते हुए छात्रों और स्थानीय लोगों को मनोरंजन का अवसर प्रदान किया गया.

कोचिंग उद्योग में गिरावट

हालांकि, कोचिंग संस्थानों और हॉस्टलों को छात्रों की संख्या में कमी और नकारात्मक प्रचार का सामना करना पड़ रहा है.

छात्रों की संख्या में गिरावट: पहले जहां 2-2.5 लाख छात्र कोटा में आते थे, अब यह संख्या घटकर 85,000 से 1 लाख रह गई है.

आर्थिक प्रभाव: कोचिंग उद्योग का वार्षिक राजस्व ₹6,500-7,000 करोड़ से घटकर ₹3,500 करोड़ हो गया है.

माता-पिता को आश्वासन

कलेक्टर गोस्वामी ने छात्रों के माता-पिता को पत्र लिखकर नए साल की शुभकामनाएं दीं और उनके बच्चों की सुरक्षा और विकास के प्रति कोटा की प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने कहा, "मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि कोटा छात्रों के समग्र विकास और उनकी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है."

कोटा प्रशासन के प्रयासों ने छात्रों के आत्महत्या के मामलों में उल्लेखनीय कमी लाई है. हालांकि, कोचिंग उद्योग को छात्रों की संख्या में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन के निरंतर प्रयास और नई पहल न केवल छात्रों की भलाई सुनिश्चित कर रही हैं, बल्कि कोटा को एक सुरक्षित और प्रेरणादायक कोचिंग हब के रूप में पुनः स्थापित करने में मदद कर रही हैं.