आरबीआई के सबसे युवा डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने पद से दिया इस्तीफा, कार्यकाल खत्म होने में बाकी थे 6 महीने
विरल आचार्य, (फोटो क्रेडिट्स: फेसबुक)

नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक के सबसे युवा डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य (Viral Acharya)

ने अपना कार्यकाल खत्म होने से छह महीने पहले इस्तीफा दे दिया है. वो तीन साल के कार्यकाल के लिए 23 जनवरी 2017 को आरबीआई में शामिल हुए थे और उनका कार्यकाल फरवरी 2020 तक का था. आचार्य ने 6 जून को आयोजित आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee), (MPC) की अंतिम बैठक से कुछ हफ्ते पहले ही इस्तीफा दे दिया था. उनका अंतिम दिन जुलाई महीने के अंत से कुछ दिन पहले होगा. एक प्रवक्ता ने मनीकंट्रोल को बताया कि आरबीआई ने न तो इस बात की पुष्टि की है और न ही रिपोर्ट से इनकार किया है. विरल आचार्य ने खुद इस बात की पुष्टि की है और कहा की ये फैसला उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से लिया है.

वर्तमान में आचार्य RBI में वित्तीय स्थिरता इकाई (Financial Stability Unit), मौद्रिक नीति विभाग (Monetary Policy Department), आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग (Financial Markets Operation Department), वित्तीय बाजार संचालन विभाग (Financial Market Regulation Department), आदि के इंचार्ज हैं. बता दें कि आचार्य आईआईटी मुंबई के छात्र थे, उन्होंने 1995 में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में स्नातक और न्यूयार्क विश्वविद्यालय से 2001 में फाइनांस में पीएचडी की है. वर्ष 2001 से 2008 तक आचार्य लंदन बिजनेस स्कूल में रहे.

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खबरों के अनुसार RBI के एक और डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन (NS Vishwanathan) का कार्यकाल जुलाई के पहले सप्ताह में समाप्त होने वाला है. उनके एक या दो साल के कार्यकाल के लिए वापस रहने की संभावना है. विश्वनाथन की जगह नियुक्ति की प्रक्रिया को रोक दी गई है.

बता दें कि 7 महीने पहले आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल (Urjit Patel) ने निजी कारणों के चलते दिसंबर में इस्तीफा दे दिया था. डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के इस्तीफे के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक को दूसरा बड़ा झटका लगा है.

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