लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद (VHP) और संत समाज की नाराजगी झेल रही केंद्र सरकार ने इस बार राम मंदिर को लेकर बड़ा दांव खेला है. इस कड़ी में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है. सरकार ने SC से अयोध्या विवाद मामले में विवादित जमीन छोड़कर बाकी जमीन को लौटने की मांग की है और इसपर जारी यथास्थिति हटाने की मांग की है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 67 एकड़ जमीन में से कुछ हिस्सा सौंपने की अर्जी दी है. सरकार के इस कदम का हिंदूवादी संगठन ने स्वागत किया है.
केंद्र सरकार द्वारा की गई अर्जी में कहा गया है कि 2.77 एकड़ जमीन पर निर्माण का अधिकार मिले. सरकार ने हिंदू पक्षकारों को दी जमीन रामजन्म भूमि न्यास को देने की अपील की है. केंद्र सरकार की अर्जी के अनुसार लगभग 0.3 एकड़ भूमि जो कि विवादित है उसे छोड़कर शेष 70 एकड़ भूमि जो अधिग्रहित की गई थी, उसे मालिकों को वापस किया जाए. यह भी पढ़ें- राम मंदिर विवाद: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा- 70 साल से टल रहा है मामला, जल्द हो समाधान
बता दें कि साल 1993 में केंद्र सरकार ने इस जमीन का अधिग्रहण कर लिया था, और जमीन केंद्र सरकार के पास ही रखने को कहा था और निर्देश दिया था कि जिसके फेवर में अदालत का फैसला आता है, जमीन उसे दी जाएगी. केंद्र सरकार में अयोध्या अधिग्रहण ऐक्ट के तहत विवादित स्थल और आसपास की जगह को कब्जे में लिया था इसके साथ ही इस मसले पर जमीन विवाद को लेकर दाखिल तमाम याचिकाओं को खत्म कर दिया था.