जयपुर: राजस्थान के भरतपुर जिले में एक बच्चे से छेड़छाड़ मामले में विशेष न्यायाधीश जितेंद्र सिंह गुलिया (Jitendra Singh Gulia) और पुलिस उपाधीक्षक (DSP) परमेश्वरलाल यादव को निलंबित कर दिया गया है. उच्च न्यायालय प्रशासन ने प्रारंभिक जांच लंबित रहने तक न्यायाधीश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. राज्य सरकार ने रविवार देर रात भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के डीएसपी को भी निलंबित कर दिया.इस मामले में दो वीडियो भी वायरल हुए हैं जिसमें आरोपी जज पीड़िता और उसके परिवार से माफी मांगता नजर आ रहा है. पीड़िता के परिवार की शिकायत पर जज के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि बाद में आरोपी ने जज ने परिवार के खिलाफ ब्लैकमेल करने का क्रॉस केस भी दर्ज कराया. पुलिस ने बताया कि पीड़ित का मेडिकल परीक्षण कराया गया है.
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (आरएससीपीसीआर) की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने भी विभाग से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. शिकायतकर्ता ने कहा कि गुलिया 14 साल के बच्चे को बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया था और करीब एक महीने तक उसके साथ अप्राकृतिक यौनाचार किया। गुलिया के साथ उनके कर्मचारी भी इस जघन्य कृत्य में शामिल थे. यह भी पढ़े: Rajasthan Shocker: जज ने 14 वर्षीय लड़के को बनाया हवस का शिकार, पीड़ित के मां और भाई के साथ भी..
थानाध्यक्ष रामनाथ सिंह ने कहा कि गुलिया ने पीड़ित परिवार के खिलाफ क्रॉस केस दर्ज कर आरोप लगाया है कि उसने उससे 3 लाख रुपये की मांग की और पैसे नहीं देने पर उसे मामले में फंसाने की धमकी दी. सिंह और सतीश वर्मा पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. हालांकि, पीड़िता की मां ने कहा कि जब उसने अपने बच्चे को उसके घर नहीं भेजा तो जज ने उसकी टीम के कुछ सदस्यों को धमकी देने के लिए उसके पास भेजा था.
उन्होंने कहा कि मुझे बहुत कठोर तरीके से धमकाया गया जिसके कारण मैंने शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत भी नहीं की. बाद में, मेरे परिवार के सदस्यों ने मुझे हिम्मत दी और इसलिए, मैंने रविवार को शिकायत दर्ज कराई.