Rajasthan: 14 साल के लड़के के साथ कुकर्म के आरोप में जज गिरफ्तार
न्यायाधीश ने भरतपुर में एक विशेष भ्रष्टाचार निरोधक अदालत की अध्यक्षता की और रविवार को लड़के की मां द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसके साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट ने उन्हें निलंबित भी कर दिया है. हालांकि जज ने लड़के और उसके परिवार पर पैसे के लिए ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है.
जयपुर: राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) ने बुधवार को भरतपुर में 14 साल के एक लड़के के साथ कथित तौर पर कुकर्म (व्यभिचार) करने के आरोप में न्यायाधीश जितेंद्र सिंह गुलिया (Jitendra Singh Gulia) को गिरफ्तार किया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी जज से उनकी गिरफ्तारी से पहले जयपुर में दो दिन तक पूछताछ की गई थी. भरतपुर के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार बिश्नोई (Devendra Kumar Bishnoi) ने कहा कि न्यायाधीश पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 (अप्राकृतिक कृत्य) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. Rajasthan Shocker: जज ने 14 वर्षीय लड़के को बनाया हवस का शिकार, पीड़ित के मां और भाई के साथ भी..
न्यायाधीश ने भरतपुर में एक विशेष भ्रष्टाचार निरोधक अदालत की अध्यक्षता की और रविवार को लड़के की मां द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसके साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट ने उन्हें निलंबित भी कर दिया है. हालांकि जज ने लड़के और उसके परिवार पर पैसे के लिए ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है.
इस बीच पीड़ित की मां ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि परिवार को धमकी दी जा रही है और केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जज ने उनके बेटे से टेनिस कोर्ट में मुलाकात की और पिछले महीने उससे दोस्ती की. फिर वे कथित तौर पर उनके बेटे को अपने घर पर ले गए और उसे नशीला पदार्थ दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया.
उन्होंने अपनी शिकायत में आगे आरोप लगाया कि अगर कभी इस मामले की रिपोर्ट की गई तो न्यायाधीश ने उन्हें और उनके भाई को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायाधीश दो अन्य आरोपियों के साथ लड़के के साथ कथित तौर पर अप्राकृतिक यौनाचार करता रहा.
महिला ने आगे कहा कि गुलिया ने उनके 14 साल के लड़के को अपने घर में बहलाया-फुसलाया और लगभग एक महीने तक उसके साथ कुकर्म किया. गुलिया के साथ उनके कर्मचारी भी इस जघन्य कृत्य में शामिल थे. थानाध्यक्ष रामनाथ सिंह ने कहा कि गुलिया ने पीड़ित परिवार के खिलाफ क्रॉस केस दर्ज कर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनसे 3 लाख रुपये की मांग की है और पैसे नहीं देने पर मामले में फंसाने की धमकी दी है.
हालांकि, पीड़ित की मां ने कहा कि जब उन्होंने अपने लड़के को उनके घर नहीं भेजा तो जज ने उनकी टीम के कुछ सदस्यों को धमकी देने के लिए उनके यहां भेजा. उन्होंने कहा, "मुझे बहुत बुरे तरीके से धमकाया गया, जिसके कारण मैं शिकायत दर्ज कराने की भी हिम्मत भी नहीं जुटा पाई. बाद में, मेरे परिवार के सदस्यों ने मुझे हिम्मत दी और मैंने रविवार को शिकायत दर्ज कराई."