जयपुर, 14 अक्टूबर : कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान से तीन दिन पहले, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा उम्मीदवार मलकार्जुन खड़गे के लिए वोट मांगने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के दिशानिर्देशों में कहा गया था कि कोई भी नेता किसी के लिए प्रचार नहीं करेगा. गहलोत ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर खड़गे की जीत की अपील करते हुए एक वीडियो संदेश साझा किया. इसे खड़गे के पक्ष में खुला प्रचार माना जा रहा है, जबकि कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण (सीईसी) के दिशा-निदेशरें के मुताबिक विधायक दल के नेता के पद पर रहते हुए कोई भी उम्मीदवार ऐसा नहीं कर सकता.
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सीईसी अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने 30 सितंबर को 7 सूत्री गाइडलाइन जारी की थी. इस गाइडलाइन के अनुसार प्रभारी महासचिव, प्रभारी सचिव, राष्ट्रीय पदाधिकारी, विधायक दल के नेता, पार्टी के प्रवक्ता अध्यक्ष पद के लिए किसी भी उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं कर सकते. अगर वे किसी उम्मीदवार के लिए प्रचार करना चाहते हैं, तो उन्हें पहले पद छोड़ना होगा. इस गाइडलाइन के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खड़गे के लिए खुलकर प्रचार किया. यह भी पढ़ें : Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को होगा मतदान, 8 दिसंबर को आएगा रिजल्ट
वीडियो में राजस्थान के सीएम ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष वह होना चाहिए जो अनुभव के साथ संगठन, नेताओं और कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहे. उनकी स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि वह सभी विपक्षी दलों के साथ बातचीत कर सकें. अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो सबको साथ लेकर चलने की क्षमता रखता हो. उनकी खूबी देखकर हम उनके समर्थक बनें."
"मैं चाहता हूं कि खड़गे साहब भारी मतों के साथ सफल हों. मल्लिकार्जुन खड़गे साहब समृद्ध और अनुभवी व्यक्ति हैं. उनके पास नौ बार विधायक और दो बार सांसद होने सहित 50 से अधिक वर्षों का अनुभव है. हम उनके प्रस्तावक बन गए हैं. खड़गे ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने कांग्रेस की नीतियों, विचारधारा और कार्यक्रमों को आत्मसात किया है. हिंदी और अंग्रेजी पर कमांड है."
गहलोत का ये बयान ऐसे समय आया था जब कांग्रेस के एक अन्य राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने आरोप लगाया था कि राज्यों में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पदाधिकारी खड़गे को अधिक महत्व दे रहे हैं. थरूर ने बराबरी का मौका न दिए जाने पर सवाल उठाए थे. इस मामले में अब केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के जवाब का इंतजार है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि, अगर शशि थरूर या कोई नेता शिकायत करता है तो दिशा-निदेशरें के उल्लंघन पर कार्रवाई की जा सकती है.