Agriculture Reform Bills: किसान बिल पर हंगामा जारी, 24 से 26 सितंबर तक किसान मजदूर संघर्ष समिति का 'रेल रोको' आंदोलन
पंजाब में 'रेल रोको' आंदोलन की घोषणा (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि से संबंधित विधेयकों के खिलाफ किसान मजदूर संघर्ष समिति (Kisan Mazdoor Sangharsh Committee) ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है. किसान मजदूर संघर्ष समिति ने 24 से 26 सितंबर के बीच पंजाब में 'रेल रोको' आंदोलन की घोषणा की है. समिति के अनुसार वह इस विधेयक के विरोध में 24 से 26 सितंबर के बीच पंजाब में ट्रेनों को चलने नहीं देंगे. समिति का कहना है, ट्रेनों के संचालन को रोक कर वह केंद्र सरकार के कृषि से संबंधित विधेयकों के खिलाफ अपने प्रदर्शन को तेज करने जा रहे हैं.

समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "हमने राज्य में कृषि से संबंधित विधेयकों के खिलाफ 'रेल रोको' आंदोलन करने का फैसला किया है." पंजाब में विभिन्न कृषि संगठन पहले ही 25 सितंबर को इस विधेयक के विरोध में 'बंद' की घोषणा कर चुके हैं.

24 से 26 सितंबर के बीच 'रेल रोको' आंदोलन :

बता दें कि केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में इन तीन विधेयकों को पेश किया है. इनमें पहले विधेयक है- कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020, दूसरा विधेयक है- मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (संरक्षण एवं सशक्तिकरण बिल), तीसरा बिल है- आवश्यक वस्तु संशोधन बिल. यह भी पढ़ें | देश में किसान बिल पर सियासत जारी, मायावती ने कहा- बीएसपी सहमत नहीं, केंद्र सरकार समस्याओं पर ध्यान दे.

मंत्रिमंडल के फैसले की घोषणा करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'मौजूदा एपीएमसी मंडियां काम करना जारी रखेंगी. राज्य एपीएमसी कानून बना रहेगा. लेकिन, मंडियों के बाहर ये अध्यादेश लागू होगा.' उन्होंने कहा कि अध्यादेश मूल रूप से एपीएमसी मार्केट यार्ड के बाहर अतिरिक्त व्यापारिक अवसर पैदा करने के लिए है ताकि अतिरिक्त प्रतिस्पर्धा के कारण किसानों को लाभकारी मूल्य मिल सके.

इन तीन विधेयकों पर खूब हंगामा मचा हुआ है. विपक्ष के साथ किसान भी इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं. सड़क से संसद तक इन विधेयकों पर संग्राम जारी है. किसान समिति का कहना है कि कृषि विधेयक किसानों के हित में नहीं है. इस पूरे हंगामे के बीच NDA सरकार के घटक अकाली दल शिरोमणि से मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने तो मंत्री पद से इस्तीफा ही दे दिया हैं.

हरसिमरत कौर बादल ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'मैंने केंद्रीय मंत्री पद से किसान विरोधी अध्यादेशों और बिल के खिलाफ इस्तीफा दे दिया है. किसानों की बेटी और बहन के रूप में उनके साथ खड़े होने पर गर्व है.'

तीन कृषि बिलों को लोकसभा में पारित कराए जाने से नाराज हरसिमरत ने गुरुवार को मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा मंजूर कर लिया गया है. राष्ट्रपति ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है.