पुणे, 3 अगस्त: पुणे शहर के मोशी इलाके की एक महिला, जिसने बर्थडे केक का ऑर्डर देने के लिए इंटरनेट से एक नंबर निकालकर फोन लगाया. एक साइबर जालसाज ने महिला से 1.67 लाख रुपये ठगे. जिसने बेक शॉप कर्मचारी बनकर महिला को ठगा और उसे पैसे भेजने के लिए बरगलाया. उसने सोमवार को एमआईडीसी भोसरी पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की थी. महिला ने भोसरी एमआईडीसी पुलिस को बताया कि 4 मई को उसने इंटरनेट पर एक बेकरी की दुकान पर बर्थडे केक ऑर्डर करने के लिए सर्च किया तो उसे केक की दुकान का नंबर मिला. इसके बाद उसने ऑर्डर दिया. यह भी पढ़ें: Fact Check: राष्ट्रपति भवन में सिर्फ शुद्ध शाकाहारी भोजन बनने की बात झूठी, यहां जानें क्या है सच
बाद में, बेकरी की दुकान का कर्मचारी होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने उसे फोन किया और 400 रुपये का भुगतान करने के लिए अपना बैंक डिटेल्स दिया. जब महिला ने भुगतान प्रक्रिया शुरू की, तो उसे कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा और वह पैसे ट्रांसफर नहीं कर पायी. इसके बाद कर्मचारी ने उसके साथ एक क्यूआर कोड साझा किया जो पीड़ित के खाते से धोखेबाज के खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए था.
जैसे ही महिला ने कोड स्कैन किया और लेनदेन को अधिकृत किया, 2,000 रुपये काट लिए गए. जब महिला ने गलत लेन-देन की शिकायत की, तो आदमी ने उसे आश्वासन दिया कि वह अंतर राशि वापस कर देगा. जांच अधिकारी एस पाटिल ने बताया, "हालांकि, महिला को रिफंड राशि के रूप में केवल 10 रुपये मिले और कुछ ही मिनटों में छह लेनदेन में उसके खाते से 1.67 लाख रुपये निकाल लिए गए."
पुणे, 3 अगस्त: पुणे शहर के मोशी इलाके की एक महिला, जिसने बर्थडे केक का ऑर्डर देने के लिए इंटरनेट से एक नंबर निकालकर फोन लगाया. एक साइबर जालसाज ने महिला से 1.67 लाख रुपये ठगे. जिसने बेक शॉप कर्मचारी बनकर महिला को ठगा और उसे पैसे भेजने के लिए बरगलाया. उसने सोमवार को एमआईडीसी भोसरी पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की थी. महिला ने भोसरी एमआईडीसी पुलिस को बताया कि 4 मई को उसने इंटरनेट पर एक बेकरी की दुकान पर बर्थडे केक ऑर्डर करने के लिए सर्च किया तो उसे केक की दुकान का नंबर मिला. इसके बाद उसने ऑर्डर दिया. यह भी पढ़ें: Fact Check: राष्ट्रपति भवन में सिर्फ शुद्ध शाकाहारी भोजन बनने की बात झूठी, यहां जानें क्या है सच
बाद में, बेकरी की दुकान का कर्मचारी होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने उसे फोन किया और 400 रुपये का भुगतान करने के लिए अपना बैंक डिटेल्स दिया. जब महिला ने भुगतान प्रक्रिया शुरू की, तो उसे कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा और वह पैसे ट्रांसफर नहीं कर पायी. इसके बाद कर्मचारी ने उसके साथ एक क्यूआर कोड साझा किया जो पीड़ित के खाते से धोखेबाज के खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए था.
जैसे ही महिला ने कोड स्कैन किया और लेनदेन को अधिकृत किया, 2,000 रुपये काट लिए गए. जब महिला ने गलत लेन-देन की शिकायत की, तो आदमी ने उसे आश्वासन दिया कि वह अंतर राशि वापस कर देगा. जांच अधिकारी एस पाटिल ने बताया, "हालांकि, महिला को रिफंड राशि के रूप में केवल 10 रुपये मिले और कुछ ही मिनटों में छह लेनदेन में उसके खाते से 1.67 लाख रुपये निकाल लिए गए."
जब महिला को एहसास हुआ कि उसे ठगा गया है और उसने सोमवार को शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस से संपर्क किया. भारतीय दंड संहिता की धारा 419,420 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 (डी) के तहत धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी, पहचान की चोरी के लिए सजा, और कंप्यूटर संसाधनों का उपयोग करके धोखाधड़ी के लिए सजा के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.