Pulwama Attack 6th Anniversary: आज है पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की छठीं बरसी, जानें इस काले दिन की पूरी घटना के बारे में
पुलवामा अटैक (Photo: File Image)

Pulwama Attack 6th Anniversary: आज कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की छठी बरसी है, इस काले दिन पुलवामा आतंकवादी हमले में 44 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे. पुलवामा अटैक की वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी है. 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में हुआ हमला आतंकवाद का एक विनाशकारी कृत्य था, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. जम्मू-कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक काफिला जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था. जैसे ही काफिला अवंतीपोरा के गोरीपोरा के पास पहुंचा, एक वाहन काफिले में शामिल बसों के बहुत करीब आ गया. यह भी पढ़ें: Pulwama Attack: 14 फरवरी को जब सारी दुनिया वैलेंटाइन डे मनाती है, भारत में काला दिवस मनाया जाता है! जानें क्या है वजह!

सैनिकों द्वारा ड्राइवर को सुरक्षित दूरी बनाए रखने के लिए बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद, वाहन ने आदेशों की अनदेखी करना जारी रखा. एक भयावह क्षण में, वाहन बसों में से एक से टकरा गया, जिससे एक बड़ा विस्फोट हुआ जिसमें 40 बहादुर सैनिकों की जान चली गई. जैसा कि भारत पुलवामा हमले की छठी वर्षगांठ मना रहा है, आइए जानें कि यह हमला कैसे हुआ, भारत ने इसके बाद क्या किया और कैसे भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान में बैठे जैश आतंकवादियों को चुन-चुन कर मारा.

हमला 14 फरवरी 2019 को हुआ

यह हमला श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे अवंतीपोरा के गोरीपोरा में हुआ. सीआरपीएफ का काफिला, जिसमें 60 से अधिक सैन्य वाहन और लगभग 2,547 सैनिक शामिल थे, इस क्षेत्र से गुजर रहा था. विस्फोटकों से भरी एक कार ने सैन्य बसों में से एक को टक्कर मार दी. टक्कर के कारण एक बड़ा विस्फोट हुआ, जो इतना शक्तिशाली था कि कई किलोमीटर दूर तक सुना जा सकता था. विस्फोट इतना तीव्र था कि इसने आसपास के क्षेत्र को धुएं और आग के घने बादल में घेर लिया. दुखद रूप से, इस भीषण हमले में 40 सैनिकों की जान चली गई.

जैश-ए-मोहम्मद ने ली जिम्मेदारी

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अवंतीपोरा में हुए विनाशकारी हमले की जिम्मेदारी ली है. विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि काफिले में शामिल कई बसें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं. इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, जिससे भारतीयों के दिलों पर गहरा असर पड़ा. आतंकवाद के इस क्रूर कृत्य ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया और सभी की निगाहें सरकार और सेना पर टिक गईं, जो शहीद सैनिकों का बदला लेने के लिए एक मजबूत और निर्णायक जवाब का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.

भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक से जवाब दिया

पुलवामा आतंकी हमले के ठीक 12 दिन बाद भारत ने 25 फरवरी की देर रात पाकिस्तान के बालाकोट पर जवाबी हवाई हमला किया. इस ऑपरेशन के दौरान, लगभग 300 पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए. सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस मिशन में लगभग 2,000 भारतीय वायुसेना के जवानों ने भाग लिया, जिन्होंने क्षेत्र में आतंकवादी शिविरों पर लगभग 1,000 किलोग्राम बम गिराए. यह ऑपरेशन पूरी गोपनीयता के साथ किया गया था और पाकिस्तान को इसकी भनक तक नहीं लगी. इस निर्णायक कार्रवाई को बाद में बालाकोट एयर स्ट्राइक नाम दिया गया.

मिग-21 क्रैश और विंग कमांडर अभिनंदन का साहस

बालाकोट हवाई हमले के दौरान, भारत के मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान ने एक पाकिस्तानी F-16 जेट को भी मार गिराया. हालांकि, ऑपरेशन के दौरान, मिग-21 क्षतिग्रस्त हो गया और पाकिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसके परिणामस्वरूप विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया. इस कठिन परिस्थिति के बावजूद, अभिनंदन को 1 मार्च, 2019 को पाकिस्तान द्वारा रिहा कर दिया गया. उनकी बहादुरी और अनुकरणीय सेवा के सम्मान में भारत सरकार ने उन्हें 'वीर चक्र' से सम्मानित किया.