नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के करीब एक सप्ताह बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट इससे जुड़ी जनहित याचिकाओं (PIL) पर सुनवाई करेगा. इस याचिका में पाकिस्तान परस्त अलगाववादियों, पत्थरबाजों पर कार्यवाई सहित इस जघन्य घटना की विशेष आयोग द्वारा जांच कराने की मांग की गई है.
जानकारी के मुताबिक पुलवामा आतंकी हमले के एक दिन बाद यानि 15 फरवरी को वकील विनीत ढांडा ने देश की शीर्ष कोर्ट में पुलवामा और उरी हलने को लेकर जनहित याचिका दायर की थी. ढांडा ने याचिका में दोनों हमलों की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की देखरेख में कराने की मांग की है.
याचिकाकर्ता के मुताबिक जांच करके पता लगाना चाहिए कि पुलवामा उअर उरी हमले के लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं. उन्होंने अपनी याचिका में अलगाववादियों के खातों को फ्रीज करने, अलगाववादियों को चुनाव लड़ने से रोकने, एनआईए द्वारा अलगाववादियों पर कार्रवाई साथ ही पत्थरबाजों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की गई है.
यह भी पढ़े- Video: क्या सेल्फी लेते वक्त मारे गए CRPF पर हमला करने वाले सभी आतंकी ? जानें पूरा सच
पुलवामा में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) काफिले के वाहन से टकरा दिया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे.
Petition filed in the Supreme Court by advocate Vineet Dhanda seeking a judicial inquiry into alleged lapses which led to Uri and Pulwama attacks. Petition also seeks stern legal action against those locals in Jammu and Kashmir who attack the armed forces in any form. pic.twitter.com/i8Bl3j4TZR
— ANI (@ANI) February 18, 2019
आत्मघाती हमलावर की पहचान आदिल अहमद के रूप में हुई जो कि पुलवामा के काकापुरा इलाके का निवासी था और 2018 में जैश में शामिल हुआ था. हमले के बाद पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने खुद इसकी जिम्मेदारी ली थी.