Gyanvapi Case: वाराणसी जिला अदालत ने गुरुवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के व्यास तहखाने में पूजा करने का अधिकार हिंदू पक्ष को दिए जाने का एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. यह फैसला 30 साल से चले आ रहे विवाद को लेकर है और इसे हिंदू पक्ष की बड़ी जीत माना जा रहा है. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेगा.
वाराणसी जिला न्यायाधीश ने हिंदू पक्ष की याचिका को स्वीकार करते हुए आदेश दिया है कि जिला प्रशासन 7 दिनों के अंदर पूजा के लिए रास्ता खोलने और व्यवस्था करने की ज़िम्मेदारी ले. अब नियमित रूप से काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट बोर्ड द्वारा इस तहखाने में पूजा-पाठ आयोजित किया जाएगा. हिंदू पक्ष का दावा है कि नवंबर 1993 तक इस तहखाने में नियमित रूप से पूजा होती थी.
#WATCH | Advocate Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side says, "...Puja will start within seven days. Everyone will have the right to perform Puja..." pic.twitter.com/EH27vQQJdc
— ANI (@ANI) January 31, 2024
हिंदू पक्ष का दावा:
हिंदू पक्ष का कहना है कि व्यास तहखाना उनका प्राचीन तीर्थस्थान है और 1993 से पहले तक पूजा की जाती थी. उनका यह भी दावा है कि तहखाने में मौजूद संरचनाएं एक मंदिर की ओर इशारा करती हैं.
मुस्लिम पक्ष की दलील:
मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह तहखाना मस्जिद का हिस्सा है और 1993 के प्लेसेज़ ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत इसकी सुरक्षा की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि हिंदू पक्ष के दावों का कोई ठोस सबूत नहीं है.
कोर्ट का फैसला:
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि हिंदू पक्ष के दावों में बल है और तहखाने में मौजूद संरचनाएं एक मंदिर की ओर इशारा करती हैं. हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभी इस विवाद का अंतिम फैसला नहीं है और पूरे मामले की सुनवाई अभी बाकी है.