मुंबई, 6 मई : एक सामाजिक कार्यकर्ता ने गुरुवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) के साथ बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया, जिसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) के खिलाफ अशांति पैदा करने के प्रयास के लिए देशद्रोह का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने और उनकी मूवमेंट्स पर रोक लगाने की मांग की गई है. इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अध्यक्ष हेमंत पाटिल द्वारा जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें राज ठाकरे की ओर से मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की चेतावनी देने के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है.
दरअसल राज ठाकरे ने हाल ही में चेतावनी जारी की थी कि प्रदेश में सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए जाने चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो उनके कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने जाकर 'अजान' से भी दोगुनी आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. पाटिल ने कहा कि 1 मई को राज ठाकरे ने चेतावनी दी थी कि अगर 4 मई तक सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए, तो उनके कार्यकर्ता हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे, जिसके लिए बाद में औरंगाबाद पुलिस ने उन पर मामला दर्ज किया था. उन्होंने मनसे प्रमुख पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार पर 'हिंदू विरोधी' होने और जाति की राजनीति का सहारा लेने का आरोप लगाकर शांति भंग करने के प्रयासों का भी आरोप लगाया. यह भी पढ़ें : आंध्र प्रदेश में 20 साल की लड़की का अपहरण के बाद रेप, फरार आरोपी की तलाश में पुलिस
आईएसी प्रमुख ने कहा कि जबकि औरंगाबाद पुलिस ने राज पर हल्की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और पुलिस ने उनके खिलाफ भड़काऊ बयान देने के लिए राजद्रोह का आरोप नहीं लगाया है जो समुदायों के बीच शांति और सद्भाव में बाधा डाल सकता है. तदनुसार, पाटिल ने बड़े जनहित में सार्वजनिक उपद्रव, शांति भंग और देशद्रोह के आरोपों के लिए जांच का आदेश देने और प्राथमिकी दर्ज करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट से उचित निर्देश की मांग की. उन्होंने अदालत से राज ठाकरे को मीडिया सम्मेलन आयोजित करने, मस्जिद के लाउडस्पीकरों को हटाने के प्रचार के लिए विभिन्न स्थानों के दौरे पर जाने और वहां हनुमान चालीसा बजाकर जवाबी कार्रवाई करने से रोकने का भी आग्रह किया है.