राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बोले- महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा, पॉक्सो एक्ट से खत्म किया जाए दया याचिका का अधिकार
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Photo Credits : Getty)

देश में पिछले कुछ दिनों से महिला सुरक्षा को लेकर घमासान मचा हुआ है. पिछले कुछ दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से महिलाओं के प्रति जघन्य अपराध सामने आए हैं. हैदराबाद, उन्नाव जैसी घटनाओं ने देश को झकझोर कर रख दिया है. इस बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा कि महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है. पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस) एक्ट के तहत दुष्कर्म के दोषियों को दया याचिका दायर करने की अनुमित नहीं मिलनी चाहिए. संसद को दया याचिकाओं की समीक्षा करनी चाहिए.

राष्ट्रपति ने ये बयान राजस्थान के सिरोही में दिया, जहां वो एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. केंद्र सरकार ने दिल्ली के चर्चित निर्भया कांड के एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजी है और इसे नामंजूर करने की सिफ़ारिश की है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह जानकारी दी है. दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने इसी सप्ताह इस दया याचिका को ठुकराते हुए फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी थी.

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महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा-

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने 2012 के निर्भया गैंगरेप के दोषी की दया याचिका की फाइल राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को भेजी है. इसमें दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की गई है. राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज होने के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी दे दी जाएगी. दरअसल, तिहाड़ जेल में बंद सभी दोषियों में से विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई थी. दिल्ली सरकार ने मामले में विनय शर्मा को किसी भी प्रकार से राहत देने से इनकार कर दिया.