नई दिल्ली:- साल 2019 अब खत्म होने वाला है, साल 2020 की शुरुवात होने वाली है. 2019 में मोदी सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए जिसने सभी को हैरान कर दिया. तो वहीं इन फैसलों के बाद विरोधी पक्ष ने जमकर सरकार पर हमला किया. लेकिन मोदी सरकार बैकफुट पर न जाकर अपने फैसले पर अडिग रही. इन फैसलों में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाया जाना, नए मोटर वाहन कानून, ट्रिपल तलाक, दस सरकारी बैंकों के विलय का फैसला, आतंकवाद पर यूएपीए एक्ट में संशोधन, CAA और दिल्लीवासियों को मालिकाना हक दिलाना.
इन फैसलों ने मोदी सरकार इस एक साल के भीतर लिया है. आइए जानते हैं मोदी सरकार के ऐसे ही कुछ फैसले.
जम्मू कश्मीर से धारा 370 का हटाया जाना: - 5 अगस्त को राज्यसभा में पास हुआ था और 6 को लोकसभा (Lok Sabha) में पास हो गया था. राष्ट्रपति के मंजूरी के बाद जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किया गया था और इस राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था. इस फैसले के बाद घाटी में धारा 144 लागू कर दी गई थी और ऐहतियात के तौर पर इंटरनेट व टेलीफोन सेवाएं बंद कर दी गई थी. धारा 370 हटाया जाना बहुत बड़ा मुद्दा बन चुका था. काफी दिनों से राज्य में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई थी, जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने पर मिली जुली हुई प्रतिक्रियाएं थीं. जबकि घाटी के लोग इस प्रस्ताव जे खिलाफ थे. तो कई लोगों ने सरकार के इस फैसले की जमकर सराहना की.
नए मोटर वाहन एक्ट:- मोदी सरकार के कार्यकाल में नए मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) को लागू किया गया. जिसके तहत ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की राशि कई गुना बढ़ा दी है. नए कानून के अनुसार, गलत और खतरनाक तरीके से ड्राइव करने वाला अगर दोषी पाया जाता है तो छह महीने से एक साल तक जेल या 1,000 से 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा या फिर दोनों भुगतना पड़ सकता है. यही गलती दूसरी बार होने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा. ड्रंक एंड ड्राइव करने पर छह महीने जेल या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जाएगी. दूसरी बार गलती दोहारने पर दो साल तक की जेल या 15,000 रुपये तक की जेल की सजा या दोनों सुनाई जाएगीं.
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बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर 5,000 रुपये का जुर्माना कर दिया गया है जो पहले सिर्फ 500 रुपये था. योग्य ना होने के बावजूद वाहन चलाने पर पहले सिर्फ 500 रुपये था, जो अब बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है. निर्धारित सीमा से अधिक तेज गति से वाहन चलाने पर जुर्माना 400 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है. हल्के मोटर वाहन के मामले में यह 2,000 रुपये है. इस मामले में मध्यम यात्री या माल ढोने वाले वाहनों पर जुर्माना 2,000 रुपये से 4,000 रुपये हो गया है. वहीं नाबालिग बच्चे के लिए उसे लर्नर लाइसेंस 25 साल तक नहीं मिलेगा.
ट्रिपल तकाल:- साल 2019 में मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया. ट्रिपल तलाक बिल (Triple Talaq bill) को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने मंजूरी दे दी. इस बिल के पास होने के बाद तत्काल तीन तलाक (Triple Talaq) अपराध संज्ञेय यानी इसे पुलिस सीधे गिरफ्तार कर सकती है. लेकिन यह तभी संभव होगा जब महिला खुद शिकायत करेगी. इसके साथ ही खून या शादी के रिश्ते वाले सदस्यों के पास भी केस दर्ज करने का अधिकार रहेगा. पड़ोसी या कोई अनजान शख्स इस मामले में केस दर्ज नहीं कर सकता है. इस बिल के अनुसार तीन तलाक (Triple Talaq) देने पर पति को तीन साल की सजा का प्रावधान रखा गया. वही इस बिल में मौखिक, लिखित, इलेक्ट्रॉनिक (एसएमएस, ईमेल, वॉट्सऐप) को अमान्य करार दिया गया है.
सरकारी बैंकों के विलय को दी मंजूरी:- मोदी सरकार ने बैंकों की खस्ताहालत सुधारने के लिए बैंकों के विलय का फैसला लिया. इन 10 सरकारी बैंकों (पीएसबी) को मिलाकर चार बैंक बनाने की घोषणा किया था. इसमें ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक में मिला दिया गया. इस फैसले के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह गए. इस विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया, जिसका कुल कारोबार 18 लाख करोड़ रुपये का है और देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक है.
UAPA संशोधन विधेयक को पास किया:- नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पेश किया गया और UAPA संशोधन विधेयक पास हो गया. UAPA संशोधन विधेयक को विधि-विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) संशोधन विधेयक (Unlawful Activities Prevention Amendment Act) के नाम से जाना जाता है, इसी कानून के तहत जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar), लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद (Hafiz Saeed), अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) और जाकिर-उर-रहमान लखवी को केंद्र सरकार ने 'व्यक्तिगत आतंकवादी' (Individual Terrorists) घोषित किया है.
नागरिकता संशोधन कानून का पास होना ( Citizenship Amendment Bill):- नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का पास करवाना मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी. लेकीन राज्यसभा में बिल के समर्थन में 99 वोट पड़े जिसके बाद पास हो गए. लोकसभा व राज्यसभा से पारित होने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करने के साथ ही यह अब कानून बन चुका है. नागरिकता संशोधन कानून पास होने से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए हिंदू, पारसी, ईसाई, जैन, बौद्ध और सिख समुदायों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है. लेकिन इसके साथ केंद्र सरकार को चौतरफा विरोध झेलना पड़ा. पूर्वोतर से शुरू हुआ विरोध शुरू हुआ और राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई.