VIDEO: 5000 से ज्यादा की भीड़ क्यों जुटी? मराठा आरक्षण आंदोलन पर बॉम्बे हाईकोर्ट सख्त, Maharashtra Govt और Manoj Jarange को लगाई फटकार, अब कल होगी सुनवाई
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Mumbai Maratha Quota Protest: मुंबई के आजाद मैदान में चल रहा मराठा आरक्षण आंदोलन अब अदालत पहुंच गया है. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कार्यकर्ता मनोज जारंगे पाटिल यहां भूख हड़ताल पर हैं और उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद हैं. मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई. मनोज जारंगे पाटिल की ओर से वकील सतीश मानशिंदे ने अदालत से समय मांगा. इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई बुधवार दोपहर 1 बजे तक के लिए टाल दी. अदालत ने उम्मीद जताई कि तब तक स्थिति का कोई ठोस समाधान निकल आएगा.

सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कहा कि पुलिस ने अदालत के आदेशानुसार कार्रवाई की है और सभी नियमों का पालन किया है.

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मराठा आरक्षण आंदोलन पर कल होगी सुनवाई

आजाद मैदान खाली कराने पहुंचे थे डीसीपी जोन 1 प्रवीण मुंडे

मनोज जारंगे ने अपने समर्थकों से की अपील

महाधिवक्ता ने यह भी बताया कि आंदोलन के दौरान कई नियमों का उल्लंघन हुआ है. इसलिए अदालत से प्रदर्शनकारियों को मुंबई से बाहर भेजने का आदेश देने की अपील की गई थी.

वहीं, सतीश मानशिंदे ने बताया कि मनोज जारंगे ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे यातायात बाधित न करें और संख्या 5000 से ज्यादा  न हो. इस बीच, मुंबई पुलिस ने पाटिल और उनकी कोर कमेटी को नोटिस दिया है. आरोप है कि प्रदर्शन की शर्तों का पालन नहीं किया गया. आजाद मैदान पुलिस स्टेशन ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को तुरंत मैदान खाली करना होगा.

हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

इस पर हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपको शुरू से ही अदालत को बताना चाहिए था कि यहां 5000 से ज्यादा लोग जमा हैं. आपने स्थिति को इस हद तक बिगड़ने दिया. अगर आप समय पर नहीं आते हैं, तो आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में आपके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है.

कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी संख्या 5 यानी मनोज जरांगे को 5000 से ज्यादा लोगों को मुंबई बुलाने और उन्हें इसके लिए उकसाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. कोर्ट ने साफ किया कि उसके आदेश का किसी भी तरह का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि कानून की गरिमा बनाए रखने के लिए जरूरत पड़ने पर किसी के भी खिलाफ आदेश दिए जाएंगे.