पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के इस ऐतिहासिक फैसले की पूरी दुनिया करती है तारीफ, लेकिन PAK ने दिखाया था दोगला चेहरा
पूर्व पीएम अटल जी और पाक के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ (Photo Credit-PTI/IANS)

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत नाजुक बनी हुई है. पिछले 36 घंटे में उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ है. इस बीच थोड़ी देर में एम्स की ओर से वाजपेयी का नया हेल्थ बुलेटिन जारी किया जाएगा. गुरुवार सुबह ही उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू वाजपेयी का हाल जानने पहुंचे. बताना चाहते है कि एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम लगातार वाजपेयी के स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए है. एम्स की ओर से बुधवार शाम जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया था कि उनकी हालत नाजुक है, पिछले 24 घंटे में उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ है. उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है.

पक्ष-विपक्ष के तमाम नेताओं ने ट्वीट कर वाजपेयी के दीर्घायु होने की कामना की. वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में लोग दुआएं कर रहे हैं. वाजपेयी के परिवार के नजदीकी लोग भी AIIMS में ही डटे हुए हैं. पूर्व पीएम वाजपेयी अपने दमदार भाषणों और बड़े फैसलों के लिए जानें जाते है. इसी कड़ी में पेश अटल जी का वह फैसला जिससे पूरी दुनिया में भारत की छबि सुधरी और पाकिस्तान-भारत के रिश्तों को लेकर अच्छी खबर सामने आयी. यह भी पढ़े-अटल पेंशन योजना: जानिए क्या है नियम, जानकारी, योग्यता और इसके लाभ 

बता दें कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री रहते हुए पाकिस्तान से संबंधों में सुधार की पहल की और पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए 19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू कराई.

इस सेवा का उद्घाटन करते हुए अटल जी ने पाकिस्तान की यात्रा करके नवाज शरीफ से मुलाकात की और आपसी संबंधों में एक नयी शुरुआत की. हालांकि कुछ ही समय पश्चात् पाक के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की शह पर पाकिस्तानी सेना व पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने कारगिल क्षेत्र में घुसपैठ करके कई पहाड़ी चोटियों पर कब्जा कर लिया.

जिसके बाद भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान द्वारा कब्जा की गयी जगहों पर हमला किया और पाकिस्तान को सीमा पार वापस जाने को मजबूर किया. एक बार फिर पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी और भारत को विजय मिली.

बताना चाहते है कि कारगिल युद्ध की विजय का पूरा श्रेय अटल बिहारी वाजपेयी को दिया गया. इसी कड़ी में कारगिल युद्ध में विजय के बाद हुए 1999 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी फिर अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी.