राष्ट्रपति चुने गए ट्रंप के खिलाफ जारी मुकदमों का क्या होगा?
डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें किसी गंभीर अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है.
डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें किसी गंभीर अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है. चूंकि कानूनी कार्रवाई जारी है, ऐसे में उन पर चल रहे मुकदमों का क्या होगा?5 नवंबर को चुनाव के दिन तक ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व और जल्द ही अगले राष्ट्रपति बनने वाले डॉनल्ड ट्रंप को जेल में कई साल बिताने पड़ सकते हैं. लेकिन अब, 2025 में व्हाइट हाउस में उनकी होने जा रही वापसी का मतलब है कि न्यूयॉर्क की एक अदालत में व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के लिए दोषी ठहराए गए फैसले के अलावा कई अन्य अदालती मामले संभवतः खारिज कर दिए जाएंगे.
ट्रंप के खिलाफ चल रहे मामलों की स्थिति में बदलाव मुख्य रूप से सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के कारण है जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति को पद पर रहते हुए किए गए आधिकारिक कार्यों के लिए अभियोजन से व्यापक छूट प्राप्त है. उस फैसले ने कम से कम दो मामलों में अभियोजकों को यह निर्धारित करने के लिए फिर से ड्राइंग बोर्ड पर भेज दिया कि क्या उन्हें इन मामलों में जीत मिल सकती है.
राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान, ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट में तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति की थी, जिससे न्यायालय में रूढ़िवादी विचारधारा वाले जजों की संख्या बढ़कर छह हो गई. इसके अतिरिक्त, चूंकि न्याय विभाग की नीति कहती है कि कार्यरत राष्ट्रपति पर संघीय मामलों में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. इसलिए, ट्रंप के खिलाफ दो संघीय मामलों के अभियोजक अब अपनी जांच बंद कर रहे हैं.
ट्रंप के खिलाफ कौनसे मामले हैं?
ट्रंप के खिलाफ आपराधिक आरोप से जुड़े चार मामले हैं. इनमें से दो आरोप संघीय स्तर पर न्याय विभाग के विशेष वकील जैक स्मिथ ने दर्ज कराए हैं. इसमें से एक न्यूयॉर्क राज्य में और दूसरा जॉर्जिया राज्य में है.
सिर्फ न्यूयॉर्क के मुकदमे में ही फैसला आया है. वहां जून में एक जूरी ने ट्रंप को सभी 34 आरोपों में दोषी ठहराया. उन पर एक पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनिएल्स को अपना मुंह बंद रखने के लिए दिए पैसे को छिपाने के लिए झूठे बिजनेस रिकॉर्ड तैयार करने के आरोप थे. यह मामला उनके पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जाने से पहले 2016 का है. न्यायाधीश जुआन एम. मर्चेन ने इस मामले को कम से कम 19 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है, ताकि दोनों पक्षों के वकील चुनाव परिणाम के बाद अपने अगले कदमों पर विचार कर सकें.
सिविल मामलों में भी उलझे हुए हैं ट्रंप
ट्रंप को पत्रकार ई. जीन कैरोल की ओर से दायर मानहानि से जुड़े दो सिविल मुकदमों में यौन शोषण का दोषी पाया गया, जिसमें महिला पत्रकार को कुल 88.4 मिलियन डॉलर मुआवजा दिया गया. ट्रंप ने दोनों फैसलों के खिलाफ अपील की है.
ट्रंप ने न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल लेटिसा जेम्स की ओर से दायर मामले के बाद, धोखाधड़ी से जुड़े एक सिविल मामले के फैसले के खिलाफ भी अपील किया है. इसके तहत, ट्रंप और उनकी कंपनियों को 454 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है.
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अब ट्रंप फिर से राष्ट्रपति का चुनाव जीत चुके हैं. ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि उनके खिलाफ संघीय स्तर पर और राज्यों में चल रहे मुकदमे स्थगित किए जा सकते हैं.
शिकागो विश्वविद्यालय के लॉ स्कूल के प्रोफेसर एरिक पॉसनर ने डीडब्ल्यू को बताया, "कम से कम अगले चार वर्षों तक, ऐसा लगता है कि किसी न किसी तरह से मुकदमे रोक दिए जाएंगे या संभवतः निलंबित कर दिए जाएंगे.”
संघीय स्तर पर चल रहे दो मामले खत्म किए जा रहे हैं
न्याय विभाग ने नीति बनाई है कि मौजूदा राष्ट्रपति के खिलाफ अभियोग नहीं चलाया जाएगा. यही नीति थी जिसके कारण ट्रंप को 2019 में म्यूलर रिपोर्ट के जारी होने के बाद भी आरोपित नहीं बनाया गया था. इस रिपोर्ट में 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस की दखलअंदाजी और ट्रंप के पहले चुनाव अभियान के बीच के संबंधों की जांच की गई थी.
संघीय अभियोगों की अगुवाई कर रहे स्मिथ, अब कथित तौर पर मामले को खत्म करने की दिशा में काम कर रहे हैं. हालांकि, यह नीति पहले से आरोपित होने वाले नए राष्ट्रपति पर लागू नहीं भी हो सकती है. यह विचार यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया कैरी लॉ स्कूल की प्रोफेसर क्लेयर फिंकेलस्टाइन और जॉर्ज डब्ल्यू बुश प्रशासन के दौरान व्हाइट हाउस के पूर्व मुख्य एथिक्स वकील रिचर्ड पेंटर का है.
पिछले महीने साउथर्न कैलिफोर्निया लॉ रिव्यू में दोनों ने लिखा था कि चूंकि ट्रंप पर दूसरी बार राष्ट्रपति बनने से पहले ही आरोप लगाए गए थे, इसलिए न्याय विभाग उनके खिलाफ अपना मुकदमा जारी रख सकता है. हालांकि, फिंकेलस्टाइन का मानना है कि हकीकत में ऐसा होने की संभावना नहीं है.
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उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "मुझे लगता है कि दोनों संघीय मामले किसी भी स्थिति में वापस ले लिए जाएंगे. हालांकि, कानून के हिसाब से इन्हें वापस लेना जरूरी नहीं है.”
जुलाई 2024 में, ट्रंप द्वारा नियुक्त न्यायाधीश ऐलीन कैनन ने एक संघीय मामले को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि स्मिथ को अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने असंवैधानिक रूप से नियुक्त किया था. इस मामले के तहत, ट्रंप पर जून 2023 में ‘हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के गंभीर उल्लंघन' और ‘न्याय में बाधा डालने की साजिश में भाग लेने' के लिए 37 आरोपों में आरोपित किया गया था. स्मिथ ने इस फैसले के खिलाफ अपील की है, जहां मामले को फिर से शुरू करने का अनुरोध अभी भी लंबित है.
दूसरे संघीय मामले की सुनवाई, कोलंबिया जिले में न्यायाधीश तान्या चुटकन कर रही है. यह मामला 2020 के चुनाव के परिणामों को पलटने के ट्रंप के प्रयासों से जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट के प्रतिरक्षा निर्णय ने स्मिथ की टीम को फिर से ड्राइंग बोर्ड पर भेज दिया और इसका मतलब यह था कि चुनाव से पहले इस मुकदमे में फैसला नहीं दिया जाएगा.
हश मनी केस में सुनाई जानी है सजा
ट्रंप के ‘हश मनी केस' मामले में आए फैसले का मतलब है कि उन्हें जेल जाना पड़ सकता है. हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अब ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद सजा सुनाई जाएगी.
न्यायाधीश मर्चेन ने कम से कम 19 नवंबर तक कार्यवाही रोक दी है, ताकि अभियोजकों को सुप्रीम कोर्ट के प्रतिरक्षा संबंधी फैसले को ध्यान में रखते हुए इस बारे में अपना विचार देने का मौका मिल जाए कि चुनाव में ट्रंप की जीत के मद्देनजर क्या करना है.
फिंकेलस्टाइन ने कहा, "अगर इस मामले में कोई सजा सुनाई जाती है और यह वाकई में जेल की सजा होती है, तो मुझे हैरानी होगी. हालांकि, ट्रंप को 34 आरोपों के लिए दोषी ठहराया गया था. इस वजह से न्यायाधीश को जेल की सजा सुनाने का अधिकार है.”
उन्होंने आगे कहा, "ज्यादा संभावना है कि उन पर जुर्माना लगाया जाएगा या निगरानी में रखा जाएगा. और यह कोई नहीं कह सकता कि सजा तुरंत दी जाएगी या फिर निलंबित सजा के तौर पर दी जाएगी.”
जॉर्जिया में रैकेटियरिंग मामले पर सुनवाई जारी है
ट्रंप और उनके 18 साथी साजिशकर्ताओं पर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को जॉर्जिया राज्य में पलटने की कोशिश करने के लिए रैकेटियरिंग (अपराधी साजिश) मामले में आरोप लगाए गए थे. हालांकि, यह मामला एक साल से अधिक समय से कानूनी विवादों में उलझा हुआ है. डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी फैनी विलिस को अयोग्य ठहराने की लगातार कोशिशों के कारण अभियोजन पक्ष अपने रास्ते से भटक गया है. विलिस पर आरोप है कि उन्होंने मामले में नियुक्त किए गए अभियोजक नाथन वेड के साथ गलत संबंध रखा.
फिंकेलस्टाइन ने कहा, "जॉर्जिया के अभियोजक कार्यालय के लिए अकेले ही एक मौजूदा राष्ट्रपति के खिलाफ खड़ा होना सच में डरावना विचार है. खासकर तब, जब वहां पहले ही कई समस्याएं सामने आ गई हैं. इसलिए, मैं समझ सकता हूं कि फैनी विलिस ऐसा नहीं करना चाहेंगी.”
चुनाव में जीत से ट्रंप को फायदा
राष्ट्रपतियों के पास संघीय अपराधों के लिए अपराधियों को क्षमा करने की शक्ति होती है. कानूनी जानकारों ने इस बात पर बहस की है कि क्या ट्रंप अपने हित में इसका प्रयोग कर सकते हैं. अगर न्याय विभाग अपने अभियोगों को बंद कर देता है, तो उन्हें संभवतः इस सवाल के जवाब की जरूरत ही नहीं होगी.
राज्यों के मामलों में राष्ट्रपति के पास अपराधियों को क्षमा करने की शक्ति नहीं होती है. इसलिए, वहां ट्रंप के खिलाफ चल रहे मामलों का क्या होगा, यह ज्यादा अस्पष्ट है.
हालांकि, पॉसनर को भी फिंकेलस्टाइन की तरह ही संदेह है कि ट्रंप को सजा सुनाई जा सकती है. उन्होंने कहा, "यह बिल्कुल असंभव लगता है कि जज मर्चेन उन्हें जेल जाने का आदेश देंगे, लेकिन वे ट्रंप पर जुर्माना लगा सकते हैं या कोई और सजा दे सकते हैं. जॉर्जिया का मामला लंबे समय से अटका हुआ है और मुझे लगता है कि इसे निलंबित कर दिया जाएगा. अदालतें यह फैसला सुनाएंगी कि मौजूदा राष्ट्रपति के खिलाफ मुकदमा चलाना समझदारी नहीं है.”
क्या ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के बाद फिर से हो सकती है मामलों की सुनवाई?
जैसा कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को चुनावी अभियान के दौरान और विजय भाषण में बार-बार याद दिलाया, अब उनकी ओर से चुनावी रात की अन्य पार्टियां नहीं होंगी, क्योंकि संविधान के अनुसार एक राष्ट्रपति सिर्फ दो कार्यकाल ही सेवा दे सकता है.
इससे यह संभावना बनी रहती है कि अगर इन मामलों को पूरी तरह बंद करने की जगह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है, तो ट्रंप के पद से हटने के बाद इन्हें फिर से शुरू किया जा सकता है.
फिंकेलस्टाइन ने कहा, "अगर वे कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए आवेदन करते हैं, तो मामले फिर से शुरू हो सकते हैं. विडंबना यह है कि अगर कोई जज कार्यवाही को रोकने के लिए इच्छुक है, तो वे राष्ट्रपति के खिलाफ मुकदमा न चलाने की नीति वरदान मान सकते हैं, क्योंकि इससे उन्हें बाद में मामले को फिर से शुरू करने का मौका मिल सकता है.”
उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि न्याय विभाग इन सभी पहलुओं पर काफी सावधानी से विचार कर रहा है और यह तय कर रहा है कि उसे कैसे आगे बढ़ना है.”
वहीं पॉसनर का कहना है कि यह मामला राजनीति से जुड़ा हुआ है. जब ट्रंप फिर से व्हाइट हाउस छोड़ेंगे, तो इन मामलों को फिर से शुरू करने को लेकर ज्यादा दिलचस्पी नहीं हो सकती है. 82 साल की उम्र में, वह अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति पद छोड़ने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति होंगे.
उन्होंने कहा, "वह बूढ़े हो रहे हैं. सरकार चाहे डेमोक्रेटिक पार्टी की हो या रिपब्लिक की, वह सोचेगी कि इन अभियोगों को जारी रखना सही नहीं है.”