पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ीं, डॉक्टरों के बाद शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन, 13 नेताओं ने भी छोड़ी पार्टी
डॉक्टरों के बाद शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन (Photo Credits- PTI/ANI)

पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री और TMC प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. एक तरफ जहां डॉक्टर हड़ताल पर हैं वहीं अब शिक्षकों ने भी प्रदर्शन शुरू कर दिया है. उच्च वेतन और अन्य मांगों को लेकर शिक्षक सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. शिक्षक कोलकाता के बिकास भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. कोलकाता के साल्ट लेक क्षेत्र में मयूख भवन द्वीप पर शिक्षकों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई.

दरअसल एसएसके, एमएसके और एएस के टीचर सोमवार को शिक्षा मंत्री से मिलने बिकास भवन जा रहे थे. तभी पुलिस ने टीचरों को मयूख भवन द्वीप पर जाने से रोक दिया. इसके बाद टीचरों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. टीचरों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इसके बाद माहौल तनावपूर्ण बन हुआ है.

बता दें कि पश्चिम बंगाल के डॉक्टर पिछले 6 दिन से हड़ताल पर हैं. बंगाल से डॉक्टर्स के विरोध की आग राजधानी दिल्ली तक फैली है. 11 जून को जूनियर डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के विरोध में देशभर के डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया. ममता बनर्जी की चेतवानी के बाद भी डॉक्टरों ने विरोध नहीं छोड़ा. हालांकि राज्य में बाधित हो रही स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर मुख्यमंत्री से बातचीत को तैयार हो गए हैं.

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वहीं सोमवार को नौपारा विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस (TMC) विधायक सुनील सिंह तथा पार्टी के 12 पार्षद सोमवार को दिल्ली में BJP में शामिल होंगे. सुनील सिंह ने कहा, 'पश्चिम बंगाल में जनता 'सबका साथ, सबका विकास' चाहती है... यह मोदी जी की सरकार है, और हम राज्य में यही सरकार बनाना चाहते हैं, ताकि पश्चिम बंगाल का विकास किया जा सके.' बता दें, इससे पहले भी तीन विधायक और 50 से अधिक पार्षद टीएमसी का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं.