छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में हुए एक बड़े एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की है. इस मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए, जिनमें कुछ वरिष्ठ कैडर भी शामिल हैं. छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में नक्सली एक मुठभेड़ में मारे गए हैं. इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने शीर्ष नक्सली कमांडर शंकर राव को भी मार गिराया, जिस पर 25 लाख रुपये का इनाम था.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस सफलता पर कहा, "कल छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की. जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने हैं, भाजपा सरकार ने नक्सलवाद और आतंकवाद के खिलाफ लगातार अभियान चलाया है. छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद उस अभियान को और गति मिली. हमने 2014 से ही कैंप स्थापित करने शुरू कर दिए थे. 2019 के बाद कम से कम 250 कैंप स्थापित किए गए हैं... सरकार बनने के बाद, लगभग 3 महीने की अवधि में, छत्तीसगढ़ में 80 से अधिक नक्सली मारे गए हैं, 125 से अधिक गिरफ्तार किए गए हैं और 150 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. मुझे पूरा विश्वास है कि यह भविष्य में भी जारी रहेगा और बहुत ही कम समय में, मोदी जी के नेतृत्व में, हम देश से नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेकेंगे."
#WATCH | On the Kanker encounter, Union Home Minister Amit Shah says, "Yesterday, security forces achieved great success in Chhattisgarh. Ever since Modi ji became the Prime Minister, the BJP government has launched a continuous campaign against Naxalism and terrorism. After the… pic.twitter.com/HxNtiHmpg7
— ANI (@ANI) April 17, 2024
2024 की शुरुआत के बाद से, माओवादियों के गढ़ बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ में 79 नक्सली मारे गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि भीषण मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए और मौके से बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए गए. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जिनके पास गृह विभाग है, ने मुठभेड़ को बड़ी सफलता बताते हुए इसे "सर्जिकल स्ट्राइक" बताया और कहा कि इसका निश्चित श्रेय बहादुर सुरक्षा कर्मियों को जाता है.
यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान से पहले हुई है और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है. इससे नक्सलियों का मनोबल टूटेगा और सुरक्षा बलों को और अधिक मजबूती मिलेगी. इस सफलता के साथ, यह उम्मीद की जा सकती है कि छत्तीसगढ़ और देश के अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त होगा.