लखनऊ, 7 नवंबर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीति में 2019 में जब बसपा और सपा ने गठबंधन किया था, तब नैरेटिव 'बुआ-बबुआ' के इर्द गिर्द था, लेकिन अब यह शिफ्ट होकर 'बाबा-बबुआ' पर केंद्रित हो गया है. बाबा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) हैं, और बबुआ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadavहैं. अखिलेश यादव ने एक कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ को 'बाबा' कहा था और मुख्यमंत्री ने सपा प्रमुख पर तंज कसते हुए कहा था, "बबुआ, ये ट्विटर ही वोट भी देगा." पार्टी जहां से कहेगी, वहां से लड़ूंगा चुनाव: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री शनिवार को अखिलेश यादव के गृह जिला इटावा में करीब 475 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने आए थे. उन्होंने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें इटावा की सेंट्रल जेल भी शामिल है. कुछ घंटे पहले, अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ का जिक्र करते हुए कहा था, "बाबा मुख्यमंत्री को विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, वह पहले से ही बाहर हैं. "
इसपर योगी आदित्यनाथ ने कहा, "मैं यहां (इटावा) दो बार कोरोना के दौरान आया था. लेकिन अन्य दलों के लोग तब भी होम आइसोलेशन में थे जब आप संकट में थे. उन्हें चुनाव के दौरान भी अपने घरों तक ही सीमित रहना चाहिए.उन्हें लोगों द्वारा जवाब दिए जाने की जरूरत है. उन्हें बताइए, बबुआ, ये ट्विटर ही वोट भी देगा."मुख्यमंत्री ने कहा, "वे ट्विटर पर व्यस्त थे. तो, उन्हें बताओ, बबुआ, ट्विटर आपको वोट देगा."
मुख्यमंत्री ने बिना सीधे नाम लिए अयोध्या पर एसपी पर हमला करने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "अयोध्या में दीयों की चमक पूरी दुनिया में चमक रही है. यह वही अयोध्या है जहां लोग पहले जाने से डरते थे और जहां राम भक्तों पर गोली चलाई गई थी."भाजपा और सपा नेताओं के बीच वाकयुद्ध पहले से ही एक नए स्तर पर पहुंच गया है और दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं. उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के साथ उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने जोर-शोर से प्रचार शुरू कर दिया है.