लखनऊ: जम्मू-कश्मीर से आर्किटल 370 (Article 370) हटाये जाने के बाद जम्मू कश्मीर के साथ ही पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. इस फैसले का जम्मू- कश्मीर के नेताओं को छोड़ दिया जाए तो सबसे ज्यादा कोई विरोध कर रह है तो वह कांग्रेस पार्टी है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं की माने तो उनका कहना है कि सरकार ने जम्मू -कश्मीर (Jammu-Kashmir) से इस धारा को हटाकर देश का गला घोटने का काम किया है. कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के फैसले का जहां कांग्रेस विरोध कर रही है. वहीं उत्तर प्रदेश के रायबरेली से विधायक आदिती सिंह (Aditi Singh) ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. आदिती सिंह ने कहा है कि इस फैसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
आदिती सिंह की तरफ से कहा गया है कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे जम्मू कश्मीर के लोग मुख्यधारा से जुड़ जाएंगे. एक विधायक की हैसियत से मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं. बता दें कि आदिती सिंह रायबरेली से कांग्रेस पार्टी से विधायक हैं. अदिति के पिता अखिलेश सिंह भी यहां से 5 बार विधायक रह चुके हैं. अदिति ने अमेरिका के ड्यूक यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की पढ़ाई की है. वह प्रियंका गांधी के साथ ही गांधी परिवार की काफी करीबी मानी जाती है. यह भी पढ़े: धारा 370 निरस्त: जंतर मंतर में सरकार के फैसले के खिलाफ हुआ विरोध प्रदर्शन तो ABVP ने जश्न मनाकर बांटी मिठाइयां
Aditi Singh, Congress MLA from Raebareli Sadar on #Article370revoked: I'm in absolute support of the decision taken. It will help in integrating J&K into the mainstream. It's a historic decision. It should not be politicised. As an MLA, in my capacity, I welcome this decision. pic.twitter.com/TZI5VQcrGH
— ANI UP (@ANINewsUP) August 6, 2019
जानें, क्या है अनुच्छेद 370
बता दें कि भारतीय संविधान की धारा 370 जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करती है. धारा 370 भारतीय संविधान का एक विशेष अनुच्छेद यानी धारा है, जो जम्मू-कश्मीर को भारत में अन्य राज्यों के मुकाबले विशेष अधिकार प्रदान करती है. भारतीय संविधान में अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध सम्बन्धी भाग 21 का अनुच्छेद 370 जवाहरलाल नेहरू के विशेष हस्तक्षेप से तैयार किया गया था. जो इस धारा को हटाये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में दो केंद्र शासित राज्य बन गया है. जो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नाम से जाना जाएगा