उत्तर प्रदेश: चौरी चौरा शताब्‍दी समारोह को लेकर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की राज्‍यपाल के साथ बैठक, आयोजन पर हुई चर्चा
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

लखनऊ. 20 जनवरी 2021. चौरी-चौरा शताब्दी समारोह आयोजन को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय आयोजन समिति की पहली बैठक राजभवन के गांधी सभागर में हुई. इसमें मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ समेत अन्‍य मंत्रियों व विपक्ष के नेताओं ने भी हिस्‍सा लिया. बैठक में शताब्‍दी वर्ष से जुड़े सुझाव भी उनसे लिए गए. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने राज्‍यपाल को जानकारी दी कि 4 फरवरी से पूरे एक साथ तक चौरी-चौरा शताब्‍दी समारोह का आयोजन पूरे प्रदेश में किया जाएगा. इस दौरान चौरी-चौरा शताब्‍दी समारोह का लोगो भी जारी किया गया. मुख्‍यमंत्री ने कहा कि शताब्‍दी समारोह का प्रचार प्रसार ग्रामीण इलाकों में व्‍यापक स्‍तर पर किया जाए.

शताब्दी समारोह के अन्तर्गत वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के सम्बन्ध में एक कार्ययोजना बनायी जा रही है. चौरा-चौरी शताब्दी समारोह के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में भी एक राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति भी गठित हुई है. राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, विधान मण्डल विभिन्न दलों के नेता सदन, स्थानीय सांसद, विधायक सहित अन्य सदस्यों को रखा गया है. चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के अवसर पर सभी जनपदों में शहीद स्मारक स्थलों पर पुलिस बैण्ड के साथ शहीदों को सलामी दी जाएगी. इसके पश्चात अन्य कार्यक्रम सम्पन्न आयोजित होंगे. चौरी-चौरा शताब्दी समारोह का ‘लोगो’ चौरी-चौरा स्मारक को ध्यान में रखकर तैयार कर लिया गया है। चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के अवसर पर संचार मंत्रालय, भारत सरकार से पत्र व्यवहार कर डाक टिकट जारी करने का अनुरोध किया जाएगा. इसके अलावा मुख्‍यमंत्री ने शहीदों पर उच्‍च स्‍तर के शोध भी कराए जाने की बात कही ताकि युवा पीढ़ी भी उनकी वीर गाथाओं से रूबरू हो सके. यह भी पढ़ें-‘आत्मनिर्भर’ उत्तर प्रदेश के लिए किसानों को उद्योगपति के गुर सिखाएंगी योगी सरकार

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि चौरी-चौरा शताब्दी समारोह तथा आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की थीम स्वदेशी, स्वावलम्बन और स्वच्छता पर आधारित होगी। कार्यक्रमों में खादी के प्रचार-प्रसार तथा स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने से सम्बन्धित आयोजन किए जाएगें.

इसमें स्वावलम्बन से जुड़े स्थानीय और विशिष्ट उत्पादों से सम्बन्धित कार्यक्रम आयोजित होंगे. ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, विभिन्न जनपदों के कृषि एवं बागवानी से जुड़े विशिष्ट उत्पादों यथा गुड़, काला नमक चावल, केला, आंवला सहित आर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा देने के सम्बन्ध में कार्यक्रम आयोजित होंगे। आयोजन के साथ महिला स्वयं सहायता समूहों को भी जोड़ा जाएगा.